38वीं बरसी पर गैस पीड़ितों ने दिल्ली में निकाली रैली, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन

सेंट्रल लाइब्रेरी में हुई श्रद्धांजलि सभा, शिवराज हुए शामिल
भोपाल। भोपाल गैस कांड की 38वीं बरसी पर सेंट्रल लाइब्रेरी में श्रद्धांजलि और सर्वधर्म सभा हुई। सीएम शिवराज सिंह चौहान भी सभा में शामिल हुए और श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि 2-3 दिसंबर 1984 की रात भुलाए नहीं भूलती। मुख्यमंत्री ने पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का आह्वान भी किया। इधर, गैस पीड़ितों ने दिल्ली में रैली निकाली और जंतर-मंतर पर धरना देकर प्रदर्शन भी किया।
दिल्ली में प्रदर्शन करते हुए गैस पीड़ित और उनसे जुड़े संगठनों ने मांग की कि सरकार को आपदा के कारण होने वाली मौतों और स्वास्थ्य संबंधी खतरों के सटीक आंकड़े सामने लाने चाहिए। त्रासदी के 40 हजार जीवित बचे लोगों द्वारा हस्ताक्षरित याचिका द्वारा अतिरिक्त मुआवजे के लिए उनकी उपचारात्मक याचिका में सुधार की मांग की गई है। जिसकी सुनवाई 10 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच में की जाएगी। भोपाल पीड़ितों के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता करुणा नंदी, और दलित श्रम अधिकार कार्यकर्ता नोदीप कौर सहित अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तित्व और आम नागरिक जंतर-मंतर पर भोपाल पीड़ितों की लड़ाई और संघर्ष में शामिल हुए। जिन्होंने पीड़ितों के लिए न्याय की मांगों को दोहराया।
सरकार ने 15 हजार मौतों को छिपाया
भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि भोपाल गैस आपदा के परिणामस्वरूप 15 हजार 242 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, राज्य सरकार क्यूरेटिव पिटीशन में पेश किए गए 5295 मौतों के गलत आंकड़े को संशोधित करने के लिए कदम उठाने में विफल रही। सुप्रीम कोर्ट को सरकार सही आंकड़े बताए।
सभी धर्म के मृतकों को दी श्रद्धांजलि
सेंट्रल लाइब्रेरी में श्रद्धांजलि एवं सर्वधर्म सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी में प्राण गंवाने वाली दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। बरसी के मौके पर सभी धर्मगुरु ने प्रार्थना की है। सभी धर्म मानव कल्याण की कामना के साथ प्रेरित करते हैं कि हम दूसरों की पीड़ा दूर करने के लिए कार्य करें। जरूरत से ज्यादा प्रकृति का दोहन हमारे ही विनाश का कारण बन सकता है। मंच पर संभाग कमिश्नर मालसिंह भयड़िया, महापौर मालती राय समेत विभिन्न समुदाय के धर्मगुरु भी मौजूद थे। सीएम के संबोधन से पहले धर्मगुरुओं ने अपने विचार रखें। कार्यक्रम के आखिर में दो मिनट का मौन रखकर गैस कांड में मृत हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई।
चौथी पीढ़ी भी हुई विकलांग
37 साल पहले हुई गैस त्रासदी में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के एक टैंक से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस रिस गई। फैक्ट्री के आसपास के इलाके में लाशें बिछ गईं। इस हादसे को भले ही 37 साल बीत चुके हों और आज 38वीं बरसी मनाई जा रही है, लेकिन दर्द आज भी ताजा है। किसी ने पति-बेटों को आंखों के सामने मरते देखा तो किसी ने अपनी तीन पीढ़ियां खो दी। चौथी पीढी तक तक विकलांग है।
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