डाटा एन्ट्री की जॉब दिलाने के नाम पर फ्रॉड करने वाले 4 आरोपी सूरत से गिरफ्तार

हरिभूमि न्यूज - भोपाल। डाटा एंट्री जॉब में अच्छी सैलरी का झांसा देकर फर्जी पोर्टल पर काम कराने वाले और इस माध्यम से लोगों को ठगने वाले चार आरोपी भोपाल साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं। इनको भोपाल की पुलिस गुजरात के सूरत से गिरफ्तार करके लाई है। ये लोग पहले जॉब का झांसा देते, फिर जॉब में काम में गलती बता कर करेक्शन पैनल से गलती सही कराने के नाम पर पैसे मांगते थे। ये विदेशी बैंक से सैलरी आने पर करेंसी एक्सचेंज व प्रोसेसिंग फीस के नाम पर रकम वसूल कर लेते थे। कम्पनी के कान्ट्रेक्ट के हिसाब से काम ना करने पर एनओसी चार्ज के नाम पर पैसा मांगते थे। चार्जेस ना जमा करने पर कोर्ट की फर्जी मेल आईडी से नोटिस जारी कर फरियादी को ब्लैकमेल किया जाता था।
साइबर क्राइम पुलिस ने मंगलवार को बताया कि 10 जून 2021 को आवेदिका अंशिका शर्मा पिता उमेश शर्मा उम्र 27 साल निवासी सागर गार्डन होम्स चूना भट्टी भोपाल के द्वारा सायबर क्राईम ब्रांच जिला भोपाल में शिकायती आवेदन दिया गया। बताया कि अज्ञात व्यक्ति के द्वारा फोन करके कम्पनी में आॅनलाईन डाटा एन्ट्री मे जॉब कराके कम्पनी के अनुरुप काम ना करने पर विभिन्न चार्जेस रजिस्ट्रेशन चार्ज, करेन्सी एक्सचेंज, प्रोसेसिंग फीस व कॉन्ट्रेक्ट के हिसाब से काम ना करने पर वकील व कोर्ट का फर्जी नोटिस देकर 60,820 रुपए की धोखाधड़ी उनके साथ की गई है। जांच कर केस कायम किया गया।
पुलिस कार्रवाई शुरु हुई :
साइबर क्राईम जिला भोपाल की टीम द्वारा अपराध कायमी के बाद तकनीकी एनालिसिस के आधार पर प्राप्त साक्ष्यों के माध्यम से 4 आरोपियों को सूरत से गिरफ्तार कर उनसे अपराध में प्रयुक्त 2 लैपटाप, 11 मोबाइल, 7 एटीएम कार्ड व 20,000 रुपए नगद जब्त किए गए।
ये 4 आरोपी गिरफ्तार :
- चन्दन बाबू भाई लाठिया निवासी सिगंनपूर कतारगांव जिला सूरत। यह कॉल सेन्टर संचालक है।
- चिन्तन बगानी निवासी सिगंनपूर कतारगांव जिला सूरत। यह कॉल सेंटर में काम करता था।
- शुभम सिंह निवासी आवास आसापास बड़ोदरा सूरत । यह भी कॉल सेंटर में काम करता था।
- समाधान मधुकर निवासी कैलाश नगर उदना सूरत गुजरात। यह भी कॉल सेंटर में कार्यरत था।
वारदात से जुड़े तथ्य यह :
- आरोपी चन्दन बाबू भाई लाठिय, चिन्तन बगानी, शुभम सिंह, समाधान मधुकर के व्दारा आमजनों के साथ कम्पनी में डाटा एन्ट्री करने की जॉब देने के नाम पर 1 वर्ष के दौरान लगभग 100 लोगों के साथ 25 लाख रुपए की धोखाधड़ी करना बताया गया।
- आरोपियों के द्वारा आॅनलाईन साईट से डाटा निकालकर आमजनों को फर्जी मोबाईल नंबर से कॉल करके कम्पनी में डाटा इन्ट्री की जॉब मे अच्छी सैलरी का प्रलोभन देते है।
- बाद में फरियादी से कम्पनी में काम करने का फर्जी कान्ट्रेक्ट करा लेते थे। इनसे फर्जी पोर्टल पर डाटा इन्ट्री का काम कराया जाता था।
- जिसके बाद में कम्पनी के द्वारा किया गये कान्ट्रेक्ट के अनुसार काम ना होना बताकर विभिन्न चार्जेस रजिस्ट्रेशन चार्ज, करेन्सी एक्सचेंज, प्रोसेसिंग फीस व कॉन्ट्रेक्ट के हिसाब से काम ना करने पर वकील व कोर्ट का फर्जी नोटिस देकर फर्जी खातों मे पैसा डलवाकर आपस मे बांट लिया जाता था।
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