कुबेरेश्वर धाम में अब तक 5 मौतें, फिर भी यह ऐलान कर बैठे पंडित प्रदीप मिश्रा, लगाया साजिश का आरोप

भोपाल। कुबेरेश्वर धाम के रुद्राक्ष महोत्सव और कथा में लाखों लोगों के आने से हुई अव्यवस्था से अब तक पांच मौतें हो चुकी हैं। तीन मौतें पहले ही हुईं थी जबकि एक महिला और पुलिस कर्मी की बाद में मौत हो गई लेकिन कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा इससे कोई सबक लेने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अब मैं इससे चार गुना बड़ा आयोजन करूंगा। उन्होंने अव्यवस्था के संबंध में कहा कि सनातन धर्म के द्रोहियों ने तत्काल रुद्राक्ष महोत्सव रद (कैंसिल) कराने की साजिश रची है।
एक महिला, एक पुलिस कर्मी की और मौत
कुबेरेश्वर धाम में फैली अव्यवस्थाओं के चलते सोमवार को दो और लोगों की मौत हो गई। इनमें एक महिला और एक पुलिसकर्मी शामिल है। झांसी की 40 वर्षीय पूनम पत्नी सत्य प्रकाश ठाकुर की बीमार होने के कारण मौत हुई और इंदौर के खजराना पुलिस थाने में पदस्थ हेड कांस्टेबल श्याम मीणा की ड्यूटी कुबेरेश्वर धाम में लगाई गई थी, जहां उनकी मृत्यु हो गई है। श्याम मीणा की मौत हार्ट अटैक के कारण होना बताया जा रहा है।
इस तरह प्रदीप मिश्रा ने दी सफाई
कुबेरेश्वर धाम में चल रही शिव महापुराण कथा के दौरान कथावाचक पं. मिश्रा ने सफाई देते हुए कहा कि इंटरनेट मीडिया पर यह अफवाह फैलाई गई कि आयोजन में भगदड़ मच गई, जबकि इसकी तस्वीर, वीडियो किसी के पास नहीं आया है उन्होंने दावा किया कि परिसर में 162 कैमरे लगे हुए हैं। कैमरे वहां भी लगे हुए थे, जहां रुद्राक्ष वितरण हो रहा था और 162 कैमरों का सेटअप हमारे आफिस में लगा है। कोई एक भी आकर बता दे कि भगदड़ मची हो या किसी ने रुद्राक्ष फेंका हो। यह तो कहीं न कहीं रुद्राक्ष वितरण को बंद कराना था। महादेव ने ही कराया होगा हम तो यह मानते हैं।
कहा- तीन महीने में फिर आओगे
कथावाचक ने श्रद्धालुओं से कहा कि तुम तीन महीने में फिर आओगे और रुद्राक्ष लेकर जाओगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग चाल चलने में लगे हैं। प्रशासन ने भी लोगों को पकड़ा है, जो माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे थे, लोगों को भड़का रहे हैं। ताकि रुद्राक्ष वितरण न हो सके। हम जगह-जगह कथा करने जाते हैं तो हमें इसका अंदाजा होता है कि कितने लोग आएंगे। उन्होंने कहा कि साल भर कभी भी आ जाना खाली झोली नहीं जाओगे। पं. मिश्रा ने कहा कि मेरा मन अबकी बार कर रहा है कि जो भी कथा सुनने आए उस पर गोमूत्र छिड़का जाए, जिससे मालूम पड़ जाए कि मेरा सनातनी आया है। जो सनातनी होगा उसे गोमूत्र छिड़कना बुरा नहीं लगेगा।
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