73 फीसदी बच्चों के नहीं बने आधार, घर-घर होगी बच्चों की तलाश

73 फीसदी बच्चों के नहीं बने आधार, घर-घर होगी बच्चों की तलाश
X
राजधानी में रोजाना बच्चों का जन्म हो रहा है, लेकिन उनके आधार बनाने का काम धीमा चल रहा है, जिसकी वजह से 0 से पांच साल तक उम्र के बच्चों के आधार कार्ड नहीं बन रहे ह। ऐसे में इन बच्चों के आधार बनने का प्रतिशत मात्र 27 फीसदी रह गया है।

अस्पताल, नर्सिंग होम, वेक्सीनेशन सेंटर, आंगनबाड़ी केंद्रों पर रहेगा फोकस

राजधानी में सवा लाख बच्चे दर्ज, 27 फीसदी ने बनवाए आधार

अपर कलेक्टर ने की आधार मॉनीटरिंग कमेटी की समीक्षा

भोपाल। राजधानी में रोजाना बच्चों का जन्म हो रहा है, लेकिन उनके आधार बनाने का काम धीमा चल रहा है, जिसकी वजह से 0 से पांच साल तक उम्र के बच्चों के आधार कार्ड नहीं बन रहे ह। ऐसे में इन बच्चों के आधार बनने का प्रतिशत मात्र 27 फीसदी रह गया है। 73 फीसदी बच्चों के आधार नहीं बने है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में जरूरी है कि इन बच्चों के आधार बनाए जाएं। जिसको लेकर अस्पताल, नर्सिंग हो, बच्चों के वैक्सीनेशन सेंटर और आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के आधार बनवाने के लिए माताओं का प्रोत्साहित किया जाए। यह बात मंगलवर को अपर कलेक्टर संदीप केरकेट्टा ने आधार मॉनीटरिंग कमेटी की बठक में अफसरों से कही। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पिछले दस साल से आधार अपडेट नहीं कराए ह, वह अनिवार्य रूप से अपने आधार में पता, मोबाइल नंबर सहित अन्य जरूरी जानकारी को अपडेट करा लें।

अपर कलेक्टर ने कहा कि आधार पंजीयन से छूटे बच्चों की जानकारी जुटाई जाए, जिससे सौ फीसदी बच्चों के आधार कार्ड बना जा सकें। इस काम में सबसे अहम रोल आंगनबाड़ी केंद्रों का है। ऐसे में यहां काम करने वाली कार्यकर्ता और सहायिकाएं बच्चों के परेंट्स को मोटीवेट कर सकती ह। अपर कलेक्टर ने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आधार पंजीयन केन्द्र बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि जिले में संचालित आधार केन्द्रों पर आधार अपडेशन विशेष कैंप आयोजित किए जाएं। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह, ई-गवेर्नेंस प्रबंधक विकास गुप्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

जन्म प्रमाण पत्र से जुड़ेगा आधार

यूआईडीएआई परियोजना प्रबंधक निकेत दीवान ने बताया कि जीरो से पांच साल तक के बच्चों के सौ फीसदी आधार बनाए जाने के लिए जरूरी हो गया है कि जिन बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र बनाए जा रहे ह। उनके आधार भी बनाए जाएं। इसके लिए शहरी क्षेत्र में नगर निगम और ग्रामीण्ण क्षेत्र में पंचायत स्तर पर ऐसे बच्चों की मॉनीटरिंग की जानी चाहिए।

दस साल में अपडेट कराएं अंगुलियों के निशान

ऐसे लोग जो पिछले 10 वर्षों से एक ही पते पर रह रहे हैं और अपना मोबाइल नंबर पता, आधार कार्ड 10 वर्षों में अपडेट नहीं कराया हैं। ऐसे लोगों को आधार कार्ड अपडेट कराना जरूरी है। ऐसा करने से सभी लोगों के आधार पूरी तरह से अपडेट रहेंगे।

Tags

Next Story