दलित की हत्या करने वाले 9 लोगों को आजीवन कारावास, गुमटी हटाने को लेकर हुआ था विवाद

इंदौर। दलित की हत्या करने के मामले में 9 लोगों को विशेष न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। खुडैल पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले ग्राम असरावदा खुर्द निवासी लाखन पुत्र राम लोहाने को गांव के ही कुछ लोगों ने घेरकर तलवार, लाठी से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। बताया जा रहा है कि गुमटी हटाने की बात को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद 10 लोगों ने दलित को मौत के घाट उतार दिया। 10 साल पहले हुई इस वारदात में पुलिस ने 10 लोगों को आरोपी बनाया था। एक आरोपी की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।
लाखन लोहाने को हमले में घायल होने के बाद अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। असरावदा के अर्जुन सिंह, तूफान सिंह, मलखान सिंह, रोहित उर्फ राहुल, धर्मेंद्र उर्फ धर्म सिंह, नरेंद्र सिंह, दिलीप सिंह, राहुल सिंह और अंतर सिंह को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम और हत्या की धाराओं में केस दर्ज किया गया। केस की सुनवाई के दौरान आरोपित अंतरसिंह की मृत्यु हो चुकी है।
जांच के दौरान पता चला कि मृतक लाखन ने ग्राम असरावद खुर्द में एक गुमटी लगा रखी थी। आरोपित उस गुमटी को हटाना चाहते थे। इस बात को लेकर वे अक्सर लाखन से विवाद करते थे। वारदात वाले दिन भी उनका लाखन से इसी बात को लेकर विवाद हुआ था। इस दौरान उन्होंने लाखन को घेरकर उस पर तलवार और लाठियों से हमला कर दिया और उसे मौत के घाट उतार दिया।
अभियोजन की तरफ से एजीपी श्रीवास्तव ने तर्क रखा कि आरोपितों ने दलित की हत्या की है। उन्हें कठोर से कठोर सजा दी जाना चाहिए। मंगलवार को विशेष न्यायाधीश रेणुका कंचन ने शेष सभी 9 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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