मप्र को उपलब्धि: पन्ना के हीरों को मिला जीआई टैग

मप्र को उपलब्धि: पन्ना के हीरों को मिला जीआई टैग
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मप्र को एक और बड़ी उपलब्धि मिली है। विश्व भर में हीरा नगरी के रुप में ख्याति प्राप्त पन्ना के हीरे को जीआईटैग मिला है। इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पन्ना के हीरे की विशेष रूप से पहचान स्थापित होगी, साथ ही हीरा व्यवसाय से जुड़े लोगों को इसका लाभ मिलेगा।

भोपाल।मप्र को एक और बड़ी उपलब्धि मिली है। विश्व भर में हीरा नगरी के रुप में ख्याति प्राप्त पन्ना के हीरे को जीआईटैग मिला है। इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पन्ना के हीरे की विशेष रूप से पहचान स्थापित होगी, साथ ही हीरा व्यवसाय से जुड़े लोगों को इसका लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्र नेे जीआईटैग के लिए आवेदन कराया था,जिस पर जीआई टैग देने की पुष्टि कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि पन्ना स्थित एनएमडीसी द्वारा संचालित एकमात्र मेकेनाइज्ड खदान से निकलनेे वाले हीरों के विश्व स्तर पर विशिष्ट पहचान दिलाने बीते दिनों चेन्नई में जीआई रजिस्ट्री आवेदन किया गया था। बताया गया है कि जीआई टैग मिलने की पुष्टि होने मिल गई है। इससे अब पन्ना के हीरों की चमक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ेगी। इससे इस कारोबार से जुड़े लोगों का जहां लाभ मिलेेगा, तो अप्रत्यक्ष रुप से अन्य वर्ग भी लाभान्वित होगा। जिला खनिज अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि जीआई टैग मिलने से कीमत बढ़ जाती है।

इंडस्ट्रियल क्वालिटी के डायमंड से कांच काटे जाते हैं

पन्ना के भूगर्भ में सबसे पहले तीन से लेकर 30 फीट तक की गहराई में ग्रेवल निकलती है। फिर जमीन में हीरा मिलने की संभावना रहती है। यहां पर जेम (व्हाइट कलर), ऑफ कलर (मैला रंग) और इंडस्ट्रियल क्वालिटी (कोका कोला कलर) के डायमंड निकलते हैं। सबसे महंगा जेम डायमंड होता है। ऑफ कलर का डायमंड फैंसी आइटम में काम आता है,जबकि इंडस्ट्रियल क्वालिटी के डायमंड से कांच काटे जाते हैं।

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