स्तनपान वाले बयान पर एसीएस अशोक शाह कायम: विरोध करने वालों को दी नसीहत- बिना सच समझे बोलना ठीक नहीं

भोपाल। मध्यप्रदेश में महिला बाल विकास विभाग के एसीएस अशोक शाह स्तनपान से संबंधित उस बयान पर कायम है, जिसकी वजह से बवाल मच गया था। कांग्रेस के साथ भाजपा की उमा भारती, कुसुम मेहदेले एवं रंजना बघेल जैसी नेत्रियों ने शाह के बयान को महिलाओं, बेटियों का अपमान बताया था। शाह ने लाड़ली लक्ष्मी योजना के दूसरे चरण के शुभारंभ अवसर पर कहा था कि पहले 16 फीसदी महिलाएं ही अपने बच्चों को स्तनपान कराती थी लेकिन अब यह प्रतिशत बढ़कर 42 हो गया है। शाह ने कहा कि वे अपने बयान पर कायम हैं। विरोध करने वालों को पूरी जानकारी लेकर बोलना चाहिए।
एनएफएचएस-5 के सर्वे के आधार पर कही थी बात
शाह का कहना है कि विरोध करने वाले नेताओं को एक्प्लेनेशन की जरूरत है। मैंने एनएफएचएस-5 के सर्वे के आधार पर बात कही थी। उनको बिना समझे कुछ नहीं कहना चाहिए। शाह ने कार्यक्रम में कहा था कि मेरा सभी माताओं से हाथ जोड़कर निवेदन है कि कृपया आप परिवार में इस बात पर विशेष ध्यान दें कि हमारी बालिकाएं पीछे क्यों रह जाती हैं? इसका कारण है कि 2005 में सिर्फ 15 फीसदी माताएं बेटियों को दूध पिलाती थीं। आज थोड़ी खुशी है, लेकिन पूरी नहीं। आज 42 फीसदी माताएं अपनी बेटियों को दूध पिलाती हैं। आप आगे आओ, सरकार आपके आर्थिक, सामाजिक सशक्तिकरण के लिए साथ खड़ी है। उन्होंने यह भी कहा था कि मैं ये नहीं कहता कि बेटों को दूध न पिलाओ, मैं ये कहता हूं कि बेटियों को भी पिलाना चाहिए, ये प्रण लेना पड़ेगा।
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