मध्यप्रदेश : टीचर भर्ती को लेकर विवाद, उम्मीदवारों ने लगाए गंभीर आरोप

मध्यप्रदेश : टीचर भर्ती को लेकर विवाद, उम्मीदवारों ने लगाए गंभीर आरोप
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85 प्रतिशत भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अब उम्मीदवारों को डाक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन में किया बाहर। पढ़िए पूरी खबर-

भोपाल। लंबे इंतजार के बाद स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई हाईस्कूल टीचर भर्ती विवादों में घिरती नजर आ रही है। बॉयलोजी एलाइड सब्जेक्ट के उम्मीदवारों ने विभाग पर चहेतों के लिए नियम बदलने का आरोप लगाते हुए कहा है कि भर्ती विज्ञापन में बायोलॉजी के एलाइड सब्जेक्ट की शैक्षणिक योग्यता मांगी गई थी, लेकिन भर्ती की लगभग 85 प्रतिशत प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब उम्मीदवारों को डाक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन के दौरान होल्ड पर रखा गया है या फिर रिजेक्ट कर दिया गया है। हालांकि डीपीआई के अधिकारी रिजेक्ट करने का कारण संबंधित सब्जेक्ट में पीजी डिग्री (एलाइड सब्जेक्ट) नहीं होना बता रहे हैं।

डाक्यूमेट्स वेरीफिकेशन प्रक्रिया से बाहर कर दिया

उम्मीदवार शिखा पांचाल का कहना है कि हाईस्कूल टीचर भर्ती के लिए पीईबी द्वारा जारी विज्ञापन में एजूकेशन की पात्रता मांगी गई थी, उसमें डिग्री के साथ संबंधित विषय में पीजी डिग्री होना जरूरी था। बॉयोलॉजी के एलाइड सब्जेक्ट के कैंडीडेट उच्च माध्यमिक शिक्षक (हाईस्कूल टीचर) भर्ती 2018 में व्याख्याता पद हेतु भर्ती प्रक्रिया की लिखित परीक्षा में शामिल हुए थे। बॉयोलॉजी के 1450 टॉपर कैंडीडेट में से लगभग 700-800 कैंडीडेट एलाइड सब्जेक्टों से हैं। जो इस नियम पुस्तिका के अनुसार पात्रता मानदंड को पूरा करते हैं। लेकिन इन्हें डाक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2011 में की गई हाईस्कूल टीचर भर्ती एलाइड सब्जेक्टों से पीजी कैंडीडेट की एलाइड सब्जेक्ट की योग्यता को मान्य कर नियुक्ति दी गई है।

डेढ़ वर्ष के बाद सार्वजनिक किया गया है

उम्मीदवार अनुपमा दुबे का कहना है कि डीपीआई द्वारा कैंडीडेट को होल्ड करने या रिजेक्ट के पीछे 10 जनवरी 2020 के संशोधित विज्ञापन का हवाला दिया जा रहा है। जो भर्ती के विज्ञापन 28 अगस्त 2018 के द्वारा एग्जाम होने के बाद उक्त विज्ञापन को अन्य नए पोर्टल पर प्रकाशित किया गया है। यह डीपीआई द्वारा अंतिम प्रक्रिया के दौरान डेढ़ वर्ष के बाद सार्वजनिक किया गया है।

उम्मीदवार अनिल नाथ का कहना है कि मध्यप्रदेश राजपत्र 30 जुलाई 2018 में भी सब्जेक्ट पात्रता मानदंड में संबंधित विषय में पीजी डिग्री का उल्लेख है (जिसके अन्तर्गत एलायड सब्जेक्ट्स भी आते है)। राज्य सरकार के अन्तर्गत उच्च शिक्षा विभाग ने भी वर्ष 2017 में वनस्पति शास्त्र तथा प्राणी शास्त्र के एलाइड सब्जेक्ट के रूप में माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, लाइफ साइंस, बायोकेमिस्ट्री आदि के रूप में निर्धारित किया है। विभिन्न राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान, महारास्ट्र आदि प्रदेशो में आयोजित पात्रता परीक्षाओं में एलाइड सब्जेक्टों को शैक्षणिक योग्यता के रूप में स्वीकार किया जाता है। लेकिन मप्र में उलटा हो रहा है। अगर यह मान्य नहीं होता तो पहले ही हमारा आवेदन निरस्त कर दिया जाता, लेकिन अब हमें 85 प्रतिशत प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब बाहर कर दिया गया है।

गलत विज्ञापन दिखाया जा रहा है

इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय के डायरेक्टर गौतम सिंह का कहना है कि उम्मीदवारों द्वारा गलत विज्ञापन दिखाया जा रहा है। जबकि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व ही एलाइड सब्जेक्ट को मान्य नहीं करने का निर्णय हो चुका था। इसलिए होल्ड या रिजेक्ट करने का सवाल ही नहीं उठता है।

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