MORENA NEWS: दिव्यांग फर्जी प्रमाणपत्र मामले में प्रशासन हुई सख्त, शिक्षकों की होगी दोबारा मेडिकल जांच, 77 लोगों पर केस दर्ज

MORENA NEWS: दिव्यांग फर्जी प्रमाणपत्र मामले में प्रशासन हुई सख्त, शिक्षकों की होगी दोबारा मेडिकल जांच, 77 लोगों पर केस दर्ज
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दिव्यांग प्रमाणपत्र के नाम पर फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद अब प्रशासन एक्टिव हो गया है। जिसको लेकर हाल ही में एक नया नियम बनाया गया है। जिसके तहत अब जिन लोगों ने भी दिव्यांग सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी पाई है उनकी दोबारा जांच की जाएगी और जो इस जांच में फैल होगा उसके ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुरैना : मध्यप्रदेश मेंदिव्यांग प्रमाणपत्र के नाम पर फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद अब प्रशासन एक्टिव हो गया है। जिसको लेकर हाल ही में एक नया नियम बनाया गया है। जिसके तहत अब जिन लोगों ने भी दिव्यांग सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी पाई है उनकी दोबारा जांच की जाएगी और जो इस जांच में फैल होगा उसके ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि हाल ही में मुरैना जिले में 77 लोगों पर दिव्यांग फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर नौकरी पाने का आरोप सिद्ध हुआ है। जिसके तहत उनके ऊपर एफआइआर दर्ज की गई है।

दिव्यांग का दोबारा होगा मेडिकल परीक्षण होगा

इस पूरे मामले को लेकर डीईओ पाठक ने कहा, कि हर सरकारी नौकरी में पहले से नियम है, कि नौकरी पाने वाले का मेडिकल परीक्षण होगा। अभ्यर्थी खुद मेडिकल परीक्षण करवाता है जो उसकी सेवा पुस्तिका में रहता है, उसी के बाद ज्वाइनिंग मिलती है। चूंकि यह मामला विवादित हो गया है, इसलिए मुरैना जिले से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाकर जिन-जिन की शिक्षक की नौकरी लगी है उन्हें मुरैना बुलाकर उनके दिव्यांग होने की जांच मेडिकल बोर्ड से करवाया जा सके इसके लिए सीएमएचओ को पत्र लिख रहे हैं। वह मेडिकल बाेर्ड का गठन कर हमें तारीख तय कर दें, जिससे हम जांच करवा सके।

5 बिंदुओं पर होगी शिक्षकों की जांच

मुरैना के जिला शिक्षा अधिकारी एके पाठक ने इस मामले में बताया है कि उन्हें ईमेल के माध्यम से आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव का पत्र मिला है। इसमें 5 बिंदुओं पर उन शिक्षकों का मेडिकल परीक्षण करवाने को कहा है, जो दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाकर शिक्षक की नौकरी पाई है। इसके साथ ही इस पूरे मामले को लेकर मुरैना कलेक्टर ने लोक शिक्षण संचनालय से प्राप्त पत्र के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना एके पाठक और मुरैना के जिला हॉस्पिटल के सिविल सर्जन को यह जांच सौंपी है।

ढाई सौ से अधिक फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाए गए

दरअसल, हाल ही में कर्मचारी चयन मंडल ने प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन करवाई थी। प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में 1000 से अधिक दिव्यांग पदों पर 700 से ज्यादा दिव्यांगों ने फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी हासिल की थी। खास बात यह रही कि अकेले मुरैना जिले से ही ढाई सौ से अधिक फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाए गए है ।

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