आखिर ऐसा क्या हुआ की भीगे नयन से व्यासपीठ से महाराज जी को कथा स्थागित करने की करनी पड़ी घोषणा

भोपाल। सोमवार को भोपाल से करीब 45 किमी दूर सीहोर जिला के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निमार्णाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के सानिध्य में रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन किया गया। साथ ही सात दिवसीय भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। कथा व रुद्राक्ष महोत्सव के पहले दिन भी क्षमता से अधिक श्रध्दालुओं के पहने के कारण भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा को व्यासपीठ से ही कथा व रुद्राक्ष महोत्सव को स्थागित करना पड़ा। दरअसल कुबेरेश्वर महादेव मंदिर समिति को सात दिन में 5 से 6 लाख लोगों के आने की उम्मीद थी। लेकिन पहले ही यहां पर करीब चार लाख अधिक श्रद्धालु देशभर से पहुंच गए। इसके चलते यहां पर भोपाल-सीहोर नाके से लेकर सीहोर-उज्जैन रोड पर लंबा जाम लग गया। यहां पर करीब 40 किमी के क्षेत्र में घंटों जाम लगा रहा। हजारों की संख्या में वाहन फंसे रहे। ट्रैफिक व्यवस्था को संभलाने में प्रशासन के पसीने छूट गए। तो वहीं लोगों की परेशानी को देखते हुए,पंडित प्रदीप मिश्रा ने व्यासपीठ से रोते हुए कथा व रुद्राक्ष महोत्सव को स्थागित करने की घोषणा की।
रविवार से श्रध्दालुओं का आने का सिलसिला शुरू हो गया था
वैसे तो कथा व रुद्राक्ष महोत्सव सोमवार से शुरू होना था। लेकिन यहां पर एक दिन पहले यानी रविवार से ही श्रध्दालुओं का आने का सिलसिला शुरू हो गया था। तो वहीं सोमवार की अल सुबह से ही इंदौर-भोपाल हाइवे पर वाहनों की कतार लगना शुरू हो गई थी। दोपहर के समय तक हालत यह हो गई कि अमलाहा टोल से सीहोर के क्रिसेंट चौराहा तक हाइवे पर वाहन रैंगते रहे। वहीं कथा स्थल से दोनों तरफ करीब 20 किमी तक लंबा जाम लग गया था। इस दौरान वाहन रैंगते रहे।
प्रशासन का दवाब आ रहा है
कुबेरेश्वर महादेव मंदिर समिति सूत्रों के अनुसार प्रशासन की ओर से बार-बार भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा पर दवाब डाला जा रहा था कि रुद्राक्ष महोत्सव व कथा को स्थागित किया जाए। तो वहीं महाराज जी ने लोगों की परेशानी व प्रशासन के दवाब के चलते इस आयोजन को स्थागित कर दिया। पंडित प्रदीप मिश्रा महाराज ने व्यासपीठ से कहा कि आज में आपको रुद्राक्ष का वितरण नहीं कर पाउंगा। कथा एक घंटे पहले ही स्थगित कर रहा हूं। आप से हाथ जोड़कर बिनती करता हूं कि कथा अपने घर अपने गंतव्य पर जाकर आॅनलाइन माध्यम से ही कथा सुने। आॅनलाइन माध्यम से ही आप रुद्राक्ष मंगवा सकते हैं।
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