BALAGHAT ; बुरहानपुर के बाद इस गांव के लोगों ने किया चुनाव बहिष्कार, मांगों को लेकर खोला मोर्चा, नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंद

बालाघाट : मध्य प्रदेश में नवंबर माह में विधानसभा चुनाव होने जा रहे है। जिसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी सहित अन्य पार्टी जनता को रिझाने के लिए एड़ी से चोटी का जोर लगा रहे है। तो वही दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में अलग अलग जगह ग्रामीणों द्वारा चुनाव का बहिष्कार किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बीजेपी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में उन्हें किसी विकास की सौगात नहीं मिली। जिसकी वजह से उन्हें जीवन व्यापम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी के चलते अब बालाघाट के ग्रामीणों ने "विकास नहीं तो वोट नहीं" के नारे लगाते हुए चुनाव बहिष्कार करने की चेतवानी दी है। इसके साथ ही गांव में किसी भी नेता को चुनाव प्रचार के लिए आने पर रोक लगा दी है।
ग्रामीणों ने गांव के बाहर लगाया बहिष्कार का बैनर
बता दें कि चुनाव बहिष्कार का ताजा मामला बालाघाट जिले के कटंगी विधानसभा के ग्राम पंचायत अंबेझरी के खैरलांजी गांव का है जहां के ग्रामीणों ने गांव में मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर हल्ला बोलते हुए चुनाव बहिष्कार करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही ग्रामीणों ने गांव के बाहर बहिष्कार का बैनर भी लगा दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि पक्की सड़क नहीं होने के चलते सभी गांव वालों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिसको लेकर कोई बार जनप्रतिनिधियों से कार्रवाई करनी की मांग की। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। जिसकी वजह से चुनाव का बहिष्कार किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताई वजह
इसके साथ ही ग्रामीणों ने आगे कहा कि बावनथड़ी नदी पर राजीव सागर बांध बना है। जिसके बाद करीब 10 सालों से अंबेझरी से खैरलांजी के बीच सड़क मार्ग पर निर्मित पुलिया पानी में डूब जाता है और करीब 8 माह पुलिया जलमग्न रहता है। पुलिया काफी नीचे बना होने और पानी में डूबे रहने के कारण खैरलांजी से अंबेझरी मुख्य सड़क मार्ग से आवाजाही बंद रहती है। ग्रामीणों को जंगल के कच्चे रास्ते से आना-जाना करना पड़ता है। ग्रामीणों के द्वारा कई बार जनप्रतिनिधियों से ऊंचे पुल के निर्माण की मांग की गई लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।जिससे नाराज ग्रामीणों ने इस बार विधानसभा चुनाव में पुल नहीं तो वोट नहीं का ऐलान कर दिया है।
बुरहानपुर और सिहोरा में भी चुनाव बहिष्कार
बता दें कि इसके पहले बुरहानपुर और सिहोरा में भी ग्रामीणों ने "विकास नहीं तो वोट नहीं" कहते हुए चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है। अब देखना ये है कि प्रदेश सरकार नाराज ग्रामीणों को कैसे मानते है। फ़िलहाल प्रदेश में आचार संहिता लागू कर दिया गई है। जिसके चलते आगामी 2 महीनों तक किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। बता दें कि मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होने जा रहे है। जिसको लेकर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कमर कास ली है।
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