एमपी में जेएमबी, आईएसआईएस और पीएफआई के बाद खुफिया एजेंसी ने बढ़ाई चौकसी - पाकिस्तान, सीरिया सहित 40 आंतकी देशों के आईपी एड्रेस पर एटीएस की नजर, शेयर, लाइक और कमेंट करने पर होगी पूछताछ

भोपाल - मध्य प्रदेश में पिछले डेढ़ साल के अंदर आतंकी संगठनों से कनेक्शन सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियों ने चौकसी बढ़ा दी है। पाकिस्तान, सीरिया सहित 40 देशों के आईपी एड्रेस पर एटीएस नजर रखे हुई है। सावधान होने की जरूरत है, नहीं तो जांच एजेंसियां हिरासत में लेकर पूछताछ भी कर सकती है। खासतौर से सोशल मीडिया पर शेयर, लाइक और कमेंट करने पर खुफिया एजेंसियों के सायबर रडार पर आ सकते हैं। पिछले दिनों ही एटीएस ने कई हाईप्रोफाइल लोगों से पूछताछ की थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और लिट्रेचर को फालो किया था।
एटीएस सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश में काउंटर इंटेलिजेंस ने ऐसे 300 से अधिक लोगों की सूची भेजी थी। जिनके तार सोशल मीडिया के जरिए आतंकी देशों के पोस्ट से जुड़े हुए थे। एटीएस ने ऐसे लोगों से पूछताछ भी की है। हालांकि उनके सीधे संपर्क किसी भी आतंकी संगठन से नहीं मिले हैं। एटीएस ने उनके मोबाइल फोन, इलेक्ट्रानिक डिवाइस की भी जांच की है। एटीएस के अधिकारियों ने बताया कि पिछले कई महीनों से आईबी के इनपुट के बाद संदिग्ध गतिविधियों में शामिल लोगों को वेरिफाई किया गया है। उनकी रोजाना की गतिविधियों की भी जांच की गई है। हालांकि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं, जिसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है लेकिन उन्होंने प्रतिबंधित देशों के लोगों की पोस्ट पर रिएक्शन दिया था। आईबी की सर्विलांस टीम पाकिस्तान सहित आतंकी देशों के आईपी एड्रेस को लगातार मानीटर कर रहा है। भारत या फिर मध्य प्रदेश का रहने वाला कोई व्यक्ति प्रतिबंधित देशों के लोगों से संपर्क करने की कोशिश करता है तो काउंटर इंटेलिजेंस वेरिफाई करने के लिए इनपुट साझा करती है। जिसके आधार पर ही एटीएस पड़ताल की है। लोगों ने पूछताछ में माना है कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि पाकिस्तान या फिर प्रतिबंधित देश के व्यक्ति एकाउंट चला रहा है। जिसके बाद उन्हें समझाइश देकर छोड़ भी दिया गया है।
जेएमबी और पीएफआई ने भी किया था संपर्क
- एनआईए और एटीएस ने मध्य प्रदेश से जेएमबी और पीएफआई के सदस्यों को गिरफ्तार किया था। उन्होंने भी सोशल मीडिया के जरिए आईएसआईएस सहित कई आतंकी संगठनों के ग्रुपों में शामिल हुए थे। देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के बाद खुफिया जांच एजेंसियों ने कार्रवाई की थी। पीएफआई से ज्यादा जेएमबी के आतंकियों के खिलाफ साक्ष्य मिले चुके हैं। आईएसआईएस से लगातार संपर्क कर रहे थे। आतंकी किसी घटना को अंजाम देते उन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।
केस -1
सेना के अफसर ने पाकिस्तानी महिला की रिक्वेक्ट को किया एक्सेप्ट
- पिछले दिनों एस-मैक की बैठक के दौरान आर्मी के अफसरों को आईबी ने बताया था कि उन्हीं के कैंप में रहने वाले अफसर के संपर्कपाकिस्तानी महिला से हैं। इस जानकारी के बाद अफसर से कई घंटों तक पूछताछ की गई थी। सेना के अधिकारी ने पाकिस्तान की महिला की फ्रैंड रिक्वेक्ट को एक्सेप्ट कर लिया था। महिला ने खुद को पंजाब का निवासी बताया लेकिन आईपी एड्रेस पाकिस्तान का निकाला। ऐसे में आशंका जताई गई थी कि सेना की खुफिया जानकारी भी साझा की गई होगी। सेना ने अफसर के मोबाइल फोन की जांच की लेकिन कई ठोस सबूत नहीं मिले थे।
केस-2
साइंटिस्ट ने इस्लामिक पोस्ट को किया फालो, अपने विचार भी किए पोस्ट
- भोपाल में रहने वाले केंद्रीय विज्ञान प्रयोगशाला से रिटायर साइंटिस्ट ने इस्लामिक पोस्ट को फालो किया। फिर खुफिया जांच एजेंसी पीछे पड़ गई। कई दिनों तक रैकी करने के बाद एटीएस ने साइंटिस्ट को पूछताछ के लिए बुलाया। एटीएस ने बताया कि जिस इस्लामिक पोस्ट को फालो किया है। वह पाकिस्तान से आपरेट हो रहा है। साइंटिस्ट ने पोस्ट को लाइक करते हुए कुछ विचार भी पोस्ट कर दिए थे। हालांकि उन्होंने माना कि सोशल मीडिया में मानवा को लेकर भी पोस्ट एकाउंट से हुआ था। जिसके बाद उन्होंने भी अपनी बात पोस्ट कर दी थी लेकिन साइंटिस्ट की मंशा गलत नहीं थी। जिसके बाद एटीएस ने हिदायत देकर छोड़ दिया।
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