दावेदारी छोड़ने के बाद शायराना अंदाज में अरुण ने विरोधियों पर कसा तंज, भाजपा में जाने की अटकलों पर विराम भी लगाया

भोपाल। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने खंडवा से उपचुनाव लड़ने की दावेदारी छोड़ने का कारण व्यक्तिगत और परिवारिक कारण बताया है। रविवार को उन्होंने शायराना अंदाज में विरोधियाें पर तंज भी कसा था। उन्होंने लिखा था कि 'मेरे दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद, वक़्त-बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं। मेरी गली से गुजरते हैं छुपा के खंजर, रुबरू होने पर सलाम किया करते हैं।' इससे उनके भाजपा में जाने की अटकलें शुरू हो गई थीं लेकिन आज मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस में रहकर मुझे चार बार लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका मिला। कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं का मुझे बहुत प्यार मिला है। पर अब मुझे लगता है कि इस बार खंडवा में कांग्रेस से किसी और मौका मिलना चाहिए।
खंडवा सीट की तैयारियों को लेकर यादव ने कहा कि यह मेरा पुराना इलाका है, राजकुमार पटेल यहां के प्रभारी है। बीते चार दिनों से यहां मंडलम सेक्टर की मीटिंग चल रही है। पूरी लोकसभा का दौरा चार दिनों में हो चुका है। यह संगठन का काम है और जोर-शोर से जारी है। यहां से कांग्रसे को जिताना हमारी जिम्मेदारी है। मैं अपनी पूरी क्षमता के साथ मेरे क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने का काम करता रहूंगा।
भाजपा में जाने की अटकलों पर लगा वीराम
कमलनाथ सरकार के आने के बाद से कांग्रेस में विधायकों के जाने को लेकर मची भगदड़ में सियासी गलियारों में अरुण यादव को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, कि चुनाव की दावेदारी छोड़ने के बाद वे भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। लेकिन अरुण यादव ने फिलहाल इन अटकलों पर विराम लगा दिया है। इससे पहले भी कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के जन्मदिन पर उन्हें बधाई देने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और कैलाश विजयवर्गीय के पहुंचने पर सिंह के भाजपा में जाने की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था।
खंडवा के लिए फिर ठोंका शेरा ने दावा
अरुण यादव ने तीन अक्टूबर को देर रात दावेदारों की सूची से अपना नाम अलग कर लिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि मैं खंडवा से उपचुनाव नहीं लडूंगा। इससे निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के हाैसले बुलंद हो गए है। उन्होंने कहा है कि खंडवा से सिर्फ दो दावेदार थे अरुण और मेरी पत्नी जयश्री सिंह। अरुण के हट जाने से जयश्री का टिकट पक्का है। पहली बार शेरा ने अरुण की तारीफ करते हुए उन्हें अच्छा व्यक्ति बताया और उम्मीद जताई कि वे मेरी पत्नी को जिताने के लिए भी काम करेंगे। बता दें, अरुण यादव ने रविवार को ट्वीट कर कहा था कि कमलनाथ, मुकुल वासनिक से दिल्ली में व्यक्तिगत तौर पर मिलकर अपने पारिवारिक कारणों से खंडवा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी न बनने को लेकर लिखित जानकारी दे दी है, अब पार्टी जिसे भी उम्मीदवार बनाएगी, मैं उनके समर्थन में पूर्ण सहयोग करूंगा।
शायरी में विरोधियों पर कसा तंज
दावेदारी छोड़ने के बाद अरुण यादव ने अपने ट्वीटर पर रविवार रात एक शायरी पोस्ट की थी, उन्हें लिखा था कि 'मेरे दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद, वक़्त-बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं। मेरी गली से गुजरते हैं छुपा के खंजर, रुबरू होने पर सलाम किया करते हैं।' अरुण यादव के करीबी मान रहे हैं कि यादव ने यह पोस्ट शायद दुखी मन से लिखी है।
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