मध्यप्रदेश में दो साल बाद खिला ठंडा का बाजार, भोपाल में सीजन में 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का धंधा

मध्यप्रदेश में दो साल बाद खिला ठंडा का बाजार, भोपाल में सीजन में 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का धंधा
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पिछले दो सालों से कोरोना महामारी के चलते राजधानी में ठंडे का व्यापार जो ठंडा पड़ा हुआ था, इस बार अपने पुराने पैटर्न पर वापस आ गया है। कोविड़ महामारी का डर दूर होने से गर्मी के मौसम से जुड़ी ठंडी चीजों की मांग निकली है। कोल्ड ड्रिंक और आईसक्रीम इंडस्ट्री को इसमें से अलग कर लिया जाए तो यह पूरा कारोबार छोटे कारोबारी और व्यापारी ही करते हैं। जानकारों की माने तो पूरे सीजन में ठंडी चीजों का धंधा 50 करोड़ रुपए से अधिक का है।

भोपाल। पिछले दो सालों से कोरोना महामारी के चलते राजधानी में ठंडे का व्यापार जो ठंडा पड़ा हुआ था, इस बार अपने पुराने पैटर्न पर वापस आ गया है। कोविड़ महामारी का डर दूर होने से गर्मी के मौसम से जुड़ी ठंडी चीजों की मांग निकली है। कोल्ड ड्रिंक और आईसक्रीम इंडस्ट्री को इसमें से अलग कर लिया जाए तो यह पूरा कारोबार छोटे कारोबारी और व्यापारी ही करते हैं। जानकारों की माने तो पूरे सीजन में ठंडी चीजों का धंधा 50 करोड़ रुपए से अधिक का है।

गौरतलब है कि शहर में चौक-चौराहों से लेकर गलियों और कॉलोनियों के आसपास तक लस्सी, गन्ने के रस, शिंकजी, जलजीरा, पना और कुल्फी की दुकानें सज गई है। इस गर्मी कोरोना का प्रकोप कम होने के चलते शहर में मधुशालाओं (गन्ने की रस की दुकानों ) में लोग गला तर करने पहुंच रहे हैं।

नारियल पानी और शिकंजी के दाम बढ़े

भीषण गर्मी में बोतलबंद शीतल पेय के साथ परंपरागंत पेयों की मांग स्वाभिक रूप से बढ़ जाती है,लेकिन ईंधन के दाम बढऩे का असर परंपरागत शीतल पेयों पर भी इस कदर पड़ा है कि गर्मियों में गला तर करना दूभर हो गया है। राजधानी में नारियल पानी 50 रुपए में मिल रहा है तो आमतौर पर 10 रूपए प्रति गिलास मिलने वाली शिकंजी नींबू 20 रुपए गिलास मिल रही है। गन्ने का रस बर्फ के साथ 15 रुपए और बिना बर्फ वाला रस 20 रुपए मे मिल रहा हे। तो वहीं शिकंजी, कैरी पना और जलजीरा भी महंगा मिल रहा हे।

दाम बढ़ने से अपेक्षित खपत नहीं

राजधानी के हर चौक चौराहे पर इन दिनों नारियल से लदे ठेलों की भरमार है। गर्मियों में स्वभाविक मांग बढऩे से फेरी वालों को रोजगार तो मिला है लेकिन दाम बढऩे से अपेक्षित खपत नहीं हो पा रही है। शाहपुरा तालाब के पास नारियल पानी का ठेला लगाने वाले हरदीप का कहना है कि डीजल के दाम बढऩे से नारियल की कीमत में इजाफा हुआ है। थोक में करीब चालीस रूपए का एक पड़ रहा है, मंडी से लाने का खर्च और दिन भर की मजदूरी निकालने के लिए पचास रुपए का एक बेचना पड़ रहा है,लेकिन दाम बढऩे से खपत कम हो गई है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ.जी.आर.अड़लक के अनुसार नारियल पानी में मौजूद प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स इसे सेहत के लिए काफी लाभकारी बना देते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी कम पाई जाती है। डायबिटीज जैसे रोगियों के लिए नारियल पानी का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है।

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