अमित शाह का दौरा: कई वनवासी भटकते रह गए गेट के बाहर, सुरक्षा में लगे कर्मी बोले डोम फुल हो गए, यह भी बताई परेशानी

अमित शाह का दौरा: कई वनवासी भटकते रह गए गेट के बाहर, सुरक्षा में लगे कर्मी बोले डोम फुल हो गए, यह भी बताई परेशानी
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शुक्रवार दोपहर भोपाल के जंबूरी मैदान पर हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में वनवासी पहुंचे। यहां पहुंचने वाले वनवासियों में से कई वनवासियों को यह नहीं पता था कि आज कौन आ रहा है और वह किस कार्यक्रम में शामिल होने आए हैं। कई वनवासी बाहर भटकते भी दिखाई पड़े। सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बताया कि अंदर डोम फुल हो गए हैं।

भोपाल। शुक्रवार दोपहर भोपाल के जंबूरी मैदान पर हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में वनवासी पहुंचे। यहां पहुंचने वाले वनवासियों में से कई वनवासियों को यह नहीं पता था कि आज कौन आ रहा है और वह किस कार्यक्रम में शामिल होने आए हैं। उनका कहना था कि कौन आए कौन जाए हमें तो साहब ने बोला था इसलिए आ गए। कई वनवासी बाहर भटकते भी दिखाई पड़े। सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बताया कि अंदर डोम फुल हो गए हैं।

जानिए क्यो बोले वनवासी

गाडरवारा रातीकरार वन ग्राम से आए सतीश मेहरा, राकेश मेहरा रामस्वरूप मेहरा, तिरोत सिंग ठाकुर, बख्तू नेहरा, मोहनलाल गोंड, मंडोली नाई ने बताया कि वह कल रात से भोपाल के लिए चले। रात भर का सफर तय करने के बाद आज वह यहां पहुंचे हैं। रास्ते में उन्हें दो-तीन जगह चाय और नाश्ते का इंतजाम किया गया था। उनका कहना था कि यहां पर कौन आ रहा है यह सिर्फ दो तीन लोगों को ही पता है बाकी हम लोग इन लोगों के साथ में आए हैं।

नहीं पता अमित शाह कौन शिवराज भाई को जानते हैं:

वनवासियों में कई बुजुर्ग वनवासी ऐसे थे जिनका कहना था कि वह केंद्रीय मंत्री अमित शाह को नहीं जानते लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जानते हैं। उन्हें पता था कि शिवराज सिंह चौहान का कोई कार्यक्रम है इसलिए वह भी शामिल होने आ गए। टंटू लाल गोंड, धनराज मेहरा, मोहनलाल, मंडोली नाई आदि का कहना है की वन गांवों को अब मान्यता मिलेगी इसलिए शायद हमारा गांव भी उसमें शामिल होगा।

जो कहेंगे सुन लेंगे;

पिपरिया नया विनोरा, डोकरी खेड़ा, झरिया आदि वन ग्रामों से आए रतन सिंह, सुशीलाबाई, सुक्कूभाई, कस्तूरी बाई आदि का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि वह किस के कार्यक्रम में आए हैं लेकिन मुख्यमंत्री जो बोलेंगे उसे हम सुनेंगे। इतना पता है कि वन ग्रामों को सरकार की तरफ से मान्यता मिलेगी।

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