अमिताभ ने खुद उठकर कहा कि दो मुझे गालियां...

भोपाल। फिल्म मर्द में मैं और मेरे साथी अमिताभ बच्चन से अपना कर्जा वापस लेने जाते हैं तो हमें डायरेक्टर ने बताया कि वहां जाकर जितनी गालियां देनी है दो और एक दम दमदार रोल निभाओ लेकिन हम गए हमने ऐसा करने की कोशिश की, फिर अमिताभ ने खुद कहा कि अरे मुझसे पैसा लेने आओ तो दो गालियां मुझे... और फिर शूट हो पाया। यह कहना है डायरेक्टर एक्टर और 250 से ज्यादा फिल्मों में जज का रोल निभाने वाले इम्पा (इंडियन मोशन पिक्चर प्रोडयूसर एसोसिएशन) के सेक्रेटरी अनिल नागरथ का। भोपाल आए रोहतक सिस्टर्स की शूटिंग के दौरान अनिल ने हरिभूमि से बातचीत में बताया कि मुझे असल में डायरेक्टर ही बनना था, 1982 में जब नया नया टीवी आया था तो मैंने वीसीआर लिया, कैमरा लिया, रिकार्डिंग का सेट लिया और चलता पड़ा रिकॉर्डिंग करने। उसके बाद ही मैंने 1986 में नसरुद्दीन शाह के साथ मिलकर आज की ताकत फिल्म बनाई। जिसमें मैंने मेन विलेन का रोल मैंने ही किया। फिर इम्तिहान पिक्चर रिलीज हुई और इस तरह से मेरी फिल्में आती है।
डायरेक्टर ने कहा तुम पठानी पहने हो तो निभाओ डॉन का रोल
इसके बाद एक फिल्म की बात है मैं उसमें डायरेक्टर था, जिसमें सीन तैयार था, डॉबर मैन कुत्ता था लेकिन डॉन नहीं था तब प्रोड्यूसर दीपक ने कहा कि तुम पठानी सूट पहने हो, टोपी लगाए हो तो ऐसा करो डॉन का किरदार तुम ही करो, मैंने बस डाबरमैन कुत्ते के साथ अपने ही अंदाज में सीन किया तो सभी ने तालियां बजाई और डायरेक्टर ने तुरंत ही मैन विलेन का रोल के साथ डायरेक्शन का काम भी दिया।
असली प्रोडयूसर थे वो ही टिक बाए बाकियों का विकेट डाउन हो गया
अनिल नागरथ मेरा नाम बचपन से ही है और यही रहेगा, मैं इसे नहीं बदलना चाहता, मैं इसी नाम को लेकर मेहनत से आगे बढ़ा हूं और इसी नाम को बनाए रखूंगा। उन्होंने कहा कि एक प्रोड्यूसर के रूप में मैंने काफी काम किया है, इसके साथ ही मैं अभी इम्पा का सेक्रेटरी हूं, अभी कोविड के दौरान जो असली प्रोडयूसर थे वो ही टिक बाए बाकियों का विकेट डाउन हो गया।
कोविड में कई प्रोडयूसर को खाना उपलब्ध कराया
अनिल कहते हैं कि लोगों को लगता है कि प्रोडयूसर है जो करोड़ो रुपए का मालिक होगा लेकिन सिर्फ 6 हजार में से 500 प्रोडयूसर सेट हो पाते हैं बाकी ठन ठन गोपाल और कोविड के दौरान तो मैंने ही कईयों को खाना तक उपलब्ध कराया।
1982 से लगातार काम कर रहा हूं बस कोविड के कुछ महीने ही घ बैठा
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने 65 साल से ऊपर के लोगों के लिए एक नियम बना दिया था कि वह क्लब आॅफिस और कहीं भी जा सकते हैं लेकिन शूटिंग पर नहीं जा सकते तो इसके खिलाफ प्रदीप पांड ने इंपा के जरिए कम्पलेंट की और हमने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को तुरंत कहा कि सरकार के पास कोई अधिकार नहीं है इस तरह से किसी को घर बिठाने का । मैं 1982 से लगातार काम किया है केवल कोविड के कुछ महीने घर बैठा लेकिन तब भी वॉक करता, बस मंदिर नहीं जा पाया।
गुल्लू अल्लू ऐप के खिलाफ हजारों फाइलें पड़ी हैं मेरे पास
उन्होंने कहा कि आजकल ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आपको फिल्म भी चलती है और मुनाफा भी होता है क्योंकि आप जब 10 करोड़ की फिल्म बनाते हो तो थिएटर पर लगाने के लिए 10 करोड़ पब्लिसिटी के लिए चाहिए और वहीं ओटीटी के कई प्लेटफार्म हैं जहां आप क्रिएटिव फिल्म रिलीज करते हो तो आपकी कॉस्ट मिलती है मुनाफा भी होता है। लेकिन ओटीटी के भी कई केस आए हैं जिसमें गुल्लू अल्लू न जाने कौन-कौन से ऐप चल रही हैं, इनके खिलाफ हजारों फाइल पड़ी हैं।
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