INDORE NEWS: बुज़ुर्गों का सहारा बना आनंदम सीनियर सिटीजन सेंटर, 10 साल से है सेवा में कार्यरत, छात्रों को करते है छात्रवृत्ति प्रदान

इंदौर: जीवन का छठा दशक पूरा कर लेने के बाद व्यक्ति की सबसे अधिक मंशा होती है अपने किसी हमउम्र का साथ पाने की। एक ऐसा हमउम्र जिसके साथ पचपन की इस उम्र को बिता देने के बाद भी बचपन वाला जीवन जीने में कोई संकोच या हिचकिचाहट न हो.. एक ऐसा हमउम्र, जो हमउम्र कम और दोस्त अधिक हो. जिसके सामने अपने मन की बात रखने से पहले कुछ भी सोचना न पड़े.. और सबसे खास बात अपने उस हमउम्र के साथ अपनी दिनचर्या का कुछ हिस्सा हँसी-खुशी बिताने का मौका मिल सके। बुज़ुर्गो की जरुरत को ध्यान में रखते हुए इंदौर में वर्ष 2013 में आनन्दम की स्थापना की गई । जिसमे करीबन 200 से अधिक सदस्य जुड़े हुए हैं।
शहर का सबसे अद्भुत डे केयर सेंटर
इन बुज़ुर्गों को अपने हमउम्र का साथ देने के साथ ही उनकी लाठी का पदभार एक दशक से बखूबी संभालता आ रहा है शहर का सबसे अद्भुत डे केयर सेंटर, जो आनंदम सीनियर सिटीजन सेंटर के नाम से मशहूर है। शहर में आनंदम अपनी एक अलग पहचान रखता है, जिसके कई कारण हैं। सिर्फ बुज़ुर्गों तक ही खुद को सीमित रखने से परे आनंदम सभी जरूरतमंदों के चेहरों पर खुशियाँ बिखेरने की चाह रखता है। बता दें कि यह संस्था न सिर्फ वृद्ध बल्कि बेटियों के हित में भी काम करती है। ताकि उनका भविष्य बेहतर बनाया जा सके।
मेधावी बालिकाओं को छात्रवृत्ति
आनन्दम सिर्फ वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण तक ही सीमित नहीं है, इसके द्वारा समाज कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं का कुशलतापूर्वक संचालन हो रहा है। इसमें गरीब वर्ग की मेधावी बालिकाओं की शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति की योजना 'विद्या' सबसे प्रमुख है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से ताल्लुक करने और वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण कई बुद्धिमान और मेधावी बालिकाएँ उचित शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाती हैं। जिसको देखते हुए आनंदम ने 15 जून, 2016 को अपने गर्ल्स स्कॉलरशिप प्रोग्राम 'विद्या' की शुरुआत की। आनन्दम की समाज कल्याण की इस फ्लैगशिप योजना के तहत अब तक 535 बालिकाओं को 24.92 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।
हर माह डॉक्टरों द्वारा जांच करवाई जाती है
इसके साथ ही यह संस्था बुज़ुर्गो के हर जरुरत का ध्यान रखते हुए तरह तरह के कार्यक्रम का आयोजन करती है। साथ ही छात्रों और बुज़ुर्गो की हर माह डॉक्टरों द्वारा जांच करवाई जाती है। इसके साथ ही शारदा मठ और जन शिक्षण सेवा संस्थान (एक अखिल भारतीय संस्थान) के सहयोग से, समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की 35 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के लिए सिलाई में व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जिसमें हर चार महीनों में लगभग 40 महिलाओं ने सिलाई में प्रशिक्षण लिया। यह कार्यक्रम 3 वर्षों से अधिक समय तक संचालित हुआ।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS