प्रगति के द्वार खोलेगा अटल प्रोग्रेस - वे, किसानों को मिलेगी भू अर्जन पर दोगुनी राशि

भोपाल। मुख्यमंत्री (Chief Minister) शिवराज सिंह चौहान ( Shivraj singh Chauhan) ने शनिवार को निवास से केंद्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ( Narendra singh Tomar) एवं किसान प्रतिनिधियों से अटल प्रोग्रेस-वे के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंस से चर्चा की। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अटल प्रगति पथ चंबल क्षेत्र में प्रगति के नए द्वार खोलेगा। यहां नए उद्योग पनपेंगे। औद्योगिक कलेस्टर विकसित होने से भूमि के मूल्यों में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल प्रोग्रेस-वे के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। यह मप्र के लिए सौभाग्य की बात है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मप्र के चंबल क्षेत्र की आर्थिक प्रगति के लिए उठाया गया यह महत्वपूर्ण कदम है।
भारत माला परियोजना से अटल प्रोग्रेस-वे को जोड़ा
शिवराज ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गडकरी ने भारत माला परियोजना से अटल प्रोग्रेस-वे को जोड़ा है। इस प्रोग्रेस-वे के निर्माण से युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध करवाने के साथ ही संपूर्ण चंबल क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों का विकास होगा। अटल प्रोग्रेस-वे का निर्माण हो जाने से मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से और बेहतर तरीके से कनेक्ट होगा। किसान वर्ग और अन्य सभी वर्ग भी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा अटल प्रगति पथ की मंजूरी मिल जाने से चंबल क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आयेगा। प्रदेश के बड़े क्षेत्र को लाभ होगा। मुख्यमंत्री द्वारा भी समय-समय पर परियोजना के कार्यों का फॉलोअप लिया जा रहा है। आने वाले समय में किसानों के साथ ही अन्य वर्गों को भी इस परियोजना का लाभ प्राप्त होगा।
किसानों का हित सर्वोपरि
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अटल प्रगति पथ की कुल लम्बाई 404 किलोमीटर होगी। भूमि अधिग्रहण के संबंध में किसानों के हित में ही आवश्यक प्रावधान किया जा रहा है। जो किसान भूमि के स्थान पर भूमि चाहते हैं या राशि चाहते हैं, उन्हें इसका लाभ दिया जाएगा। राज्य शासन द्वारा 1600 हेक्टेयर शासकीय भूमि एनएचएआई को दी गई है। शेष 1460 हेक्टेयर निजी भूमि के लिए शासन द्वारा दोगुनी जमीन देने का प्रस्ताव है। इससे अधिकांश कृषक सहमत होते जा रहे हैं। नगद मुआवजा, बाजार मूल्य का दोगुना प्रदान कर अटल प्रगति पथ का निर्माण होगा। कुल 8000 करोड़ रुपये की परियोजना से सभी वर्गों को लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने किसान बन्धुओं से आग्रह किया कि वे भू-अर्जन कार्यों में आवश्यक सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने संबंधित कलेक्टर्स से भी अपेक्षा की कि सर्वे कार्य समय-सीमा में कर लोगों को पारदर्शी तरीके से मुआवजा देने की कार्यवाही करें।
परियोजना में क्या है खास -
अटल प्रगति पथ के लिए 404 किलोमीटर का एलाईनमेंट, विस्तृत सर्वे और डीपीआर तैयार करने के बाद, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की सक्षम समिति ने अनुमोदन कर दिया है। निजी भूमि के अर्जन के लिए लगभग 335 करोड़ का मुआवजा दिया जाना अनुमानित है। अटल प्रगति पथ राजस्थान-मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश को जोड़ेगा। परियोजना दिल्ली-बड़ोदरा एक्सप्रेस-वे एवं पूर्व की ओर आगरा-कानपुर हाई-वे तथा पश्चिम की ओर पूर्व-पश्चिम कॉरीडोर को भी जोड़ेगी। अटल प्रगति पथ श्योपुर-मुरैना और भिंड जिलों से 313 किलोमीटर की लंबाई में गुजरेगा। इसके भारत माला परियोजना में सम्मिलित होने की कार्यवाही भी पूरी हो गई है। उद्योग विभाग ने आगामी वर्षों के लिए कार्य-योजना भी तैयार कर ली है। भिंड जिले में लॉजिस्टिक्स हब, मुरैना जिले में लेदर एवं नॉन लेदर, टेक्निकल टेक्सटाईल, लॉजिस्टिक, फूड प्रोसेसिंग एवं मल्टी प्रोडक्ट औद्योगिक क्षेत्र, श्योपुर जिले में कृषि आधारित गतिविधियों को प्रारंभ करने के प्रयास मूर्त रूप लेंगे। चंबल क्षेत्र के वर्तमान औद्योगिक क्षेत्रों के विस्तार के लिए भिंड, मुरैना और ग्वालियर जिलों में स्थित औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास के ग्रामों में भी भूमि चिन्हित की जा रही है। प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव जनसंपर्क राघवेंद्र कुमार सिंह, सचिव मुख्यमंत्री सेल्वेंद्रम, कमिश्नर ग्वालियर सहित ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड और श्योपुर जिला कलेक्टर उपस्थित थे।
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