टेरर फंडिंग मामला - एटीएस जल्द पेश करेगी चार्जशीट

भोपाल - पीएफआई के सदस्यों को ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेजने के बाद एटीएस चार्जशीट पेश करने की तैयारी में जुट गई है। टेरर फंडिंग और दहशतगर्दी फैलाने के आरोप की फेहरिश्त तैयार की जा रही है। एटीएस सबूतों के साथ सैकड़ों पन्नों की चार्जशीट 14 अक्टूबर तक पेश करेगी। फिलहाल पीएफआई के सदस्यों के मंसूबों का एक और खुलासा हुआ है।
देशभर में एनआरबी-सीएए कानून लागू हुआ था। मध्य प्रदेश कई जिलों में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसके पीछे भी पीएफआई का हाथ था। पीएफआई ने महिलाओं को फंडिंग करने के बाद विरोध करने के लिए उकसाया था। जिसके बाद फिर युवाओं को टारगेट किया। जिसके बाद एजेंसियों की नजर में आ गए थे। एटीएस के सूत्रों का कहना है कि महिलाओं को सॉफ्ट टारगेट बनाने के बाद युवाओं को शामिल किया था। शरिया कानून लागू कराने के लिए ब्रेनवॉश किया। उन्हें देश के खिलाफ भड़काने के लिए डेढ़ साल में दर्जनों मीटिंग भी की थी। वहीं खरगोन हिंसा में पीएफआई का कनेक्शन पहले ही उजागर हो चुका है। अधिकारियों का कहना है कि मालवा और निमाड़ के जिलों में पुलिस और एजेंसियां लगातार कैंप कर रही है। फिलहाल एजेंसियों की गिरफ्तार से 12 संदिग्ध अबतक फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है।
इंदौर में सर्चिंग जारी
- अधिकारियों ने पीएफआई के दो सदस्यों के परिचितों की तलाश की जा रही है। इंदौर में पुलिस सर्चिंग कर रही है। उनके नाम भी खरगोन हिंसा में सामने आए हैं। सदस्यों ने पूछताछ में कबूला है कि पैसे का काम करते थे। जिनकी तलाश में छापेमारी की जा रही है। वहीं 21 पीएफआई के सदस्यों का रिकॉर्ड भी एटीएस को सौंप दिया गया है। इसी के आधार पर आगे कार्रवाई होगी।
दर्जन भर से अधिक दफ्तर सील
- प्रदेश भर में पीएफआई के 72 घंटों में दर्जन भर से ज्यादा आॅफिसों को सील किया गया है। इनमें से 6 अन्य संगठनों के आॅफिसों को सील किया गया है। पिछले दिनों केंद्र और राज्य सरकार ने हिंसा भड़काने और देश विरोधी संगठनों को बैन किया था। जिसके बाद भोपाल, इंदौर, उज्जैन, खरगोन सहित कई जिलों में आॅफिसों को पुलिस ने बंद कर दिया है।
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