MP NEWS : टेरिटरी की वजह से बाग किशन की हुई मौत, 6 साल में पहली घटना, पेट्रोलिंग के दौरान मिला मृत

भोपाल : मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ते बाघों की संख्या को देखते हुए प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिया गया है। प्रदेश में ऐसे ऐसे टाइगर रिजर्व है। जहां दूर दूर से लोग घूमने के लिए आते है। लेकिन अब इन बाघों की संख्या कम होते जा रही है। तभी किसी बीमारी की वजह से तो कभी उम्र होने की वजह से लेकिन इस बार तो आपसी जगड़े की वजह से टाइगर किशन की मौत हो गई।
टेरिटरी फाइट में किशन की मौत
मिली जानकारी के अनुसार किशन (N-2) नौरादेही अभयारण्य का पहला बाघ था। जिसकी N-3 की बाघ से लड़ाई होने की वजह से मौत हो गई। जिसका शव सुबह पेट्रोलिंग के दौरान जंगल में मिला। बता दें कि (N-2) किशन और N-3 राधा की टेरिटरी को लेकर फाइट हुई थी। इस दौरान किशन के आंख और जबड़े के पास गहरे घाव मिले है। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि बीते रात दोनों बाघों में जमकर लड़ाई हुई थी। जिनकी वजह से एक की जान चली गई।
6 साल में पहली बार हुई बाघों की लड़ाई
किंग ऑफ नौरादेही के नाम से प्रसिद्ध किशन के चेहरे पर मंगलवार को पंजे के घाव के निशान देखे गए, तब मालूम चला कि बाघों में लड़ाई हुई है। नौरादेही में राधा (N-1) और किशन था। N-3 बाहर से आया हुआ बाघ है। यह विचरण करते हुए अपने आप नौरादेही के जंगल में पहुंचा है। N-3 को छोड़कर नौरादेही में शेष बाघ राधा-किशन की ही संतान हैं। 2018 में शिफ्टिंग के बाद पिछले 6 साल में यह पहला मौका है, जब नौरादेही में दो बाघों के बीच जमकर लड़ाई हुई हो।
2018 में बाघ किशन और बाघिन राधा को किया गया था शिफ्ट
नौरादेही अभयारण्य में 2018 में बाघ किशन और बाघिन राधा को शिफ्ट किया गया था। विभाग के अनुसार नौरादेही में किशन की मौत के बाद बाघों की संख्या 14 है। इनमें सभी बाघ युवा हैं। 2018 में आई बाघिन राधा 7 साल की हो गई है। बाघ किशन 11 साल का था। बाघिन राधा 2019 और 2021 में दो बार शावकों को जन्म दे चुकी है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS