बापू नाडकर्णी मुझे इंडियन क्रिकेट टीम में लेना चाहते थे...

भोपाल। असल में स्पोर्ट्समैन बनना चाहता था, और कॉलेज लाइफ से ही क्रिकेट खेलता था, उस वक्त मेरे कॉलेज में क्रिकेट के जाने-माने शख्सियत बापू नाडकर्णी सिलेक्शन टीम में आए और उन्होंने मुझे देखकर कहा कि यह तो लेग स्पिनर है जो शेन वॉर्न और अनिल कुंबले का मिलाजुला रूप है और वह मुझे इंडियन क्रिकेट टीम में ले जाना चाहते थे जब मैंने यह बात पिताजी से कही तो उन्होंने कहा कि क्या तुम ओलंपिक या क्रिकेट में जाओगे वह तो अभी भी साइकिल और स्कूटर से ही सवारी करते हैं और थर्ड क्लास रेलवे की टिकट लेकर सफर करते हैं.... यह कहना है एक्शन हीरो तेज सप्रू का। तेज भोपाल आए और हरिभूमि से बातचीत में उन्होंने अपने जीवन से जुड़े पहलुओं पर चर्चा की।
राकेश रविकांत उर्फ रिकू ने मिथुन रंजीता की फिल्म में दिया रोल
तेज कहते हैं कि मुझे राकेश रविकांत रिकू माधुरी दीक्षित के सेक्रेटरी हमारे घर आए और मिथुन और रंजीता की फिल्म में एक रोल की जरूरत थी जो क्रिश्चियन टाइप का कैरेक्टर हो और उसकी फिजिक्स मेरे जैसी हो, उन्होंने मुझे तुरंत चैक दिया और मैं जब सेट गया और मैंने वहां अपना नाम बताया तो सब हैरानी में पड़ गए कि सप्रू साहब के बेटे हो और बोल रहे हो कि एक्टिंंग नहीं आती तो मैंने उसे कहा कि मैंने इसकी ट्रेनिंग नहीं ली है, हां माता-पिता के जीन हैं और पिताजी ने जो एक्टिंग की है तो मैं वहां जाकर उनको आब्जर्व करता रहा। उसके बाद पहली बार 5000 का कांटेक्ट 1978 में मुझे मिला ।
चंद्रमुखी के सीन में हुए एक्सीडेंट से कई महीने रही मैमोरी लॉस
विलेन के रोल में कई बार हड्डी भी टुड़वा चुका हूं, एक फिल्म चंद्रमुखी सलमान खान और श्रीदेवी की जिसमें मैंने विलेन टाइप का रोल किया था,एक सीन था जिसमें जीप चलाने वाले से मैंने कहा था कि टर्निंग पर स्लो रखना क्योंकि मुझे उसमें एक्शन सीन करना है और उसने इसके उलट टर्निंग पर जीप की स्पीड बढ़ा दी और मैं गिरा और मेरा सिर एक पत्थर पर पड़ा और कइ्र महीनों तक मेरी मेमोरी लॉस हो गई, मैं कई महीने बेसुध रहा नीचे जमीन पर देखता था तो वह टेढ़ी नजर आती थी।
मेरे पिता ने कभी मेरे लिए फोन नहीं लगाया
नेपोटिज्म के सवाल पर उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री में मीनिंगलेस है क्योंकि मेरे पिता भी इंडस्ट्री में जाना माना नाम थे लेकिन उन्होंने कभी मेरे लिए एक फोन तक नहीं लगाया, मैं आज जो कुछ भी हूं खुद के दम पर ही हूं ।
स्पोर्ट्स कोटे की वजह से लगी यूनियन बैंक में नौकरी
उन्होंने कहा कि क्योंकि मैं स्पोर्ट्स मैं था तो मैं स्टेट लेवल तक खेल चुका हूं और स्पोर्ट्स कोटे की वजह से भी मेरी यूनियन बैंक में नौकरी भी लग गई थी और फिर वह छोड़कर न इंडस्ट्री में आया।
वेबसीरिज में अश्लीलता पर पाबंदी होना जरूरी है
तेज कहते हैं कि आजकल वेब सीरीज एक अच्छा माध्यम है लोगों को एंटरटेन करने का लेकिन इसमें गाली गलौज और अश्लीलता की कोई सीमा नहीं है जिस पर पाबंदी होना जरूरी है और इसके लिए सेंसरशिप की बात चल रही है जो एक तरीके से ठीक है।
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