SHEOPUR: आज़ादी के 75 साल बाद भी इस गांव में नहीं पहुंची मूलभूत सुविधा, आक्रोशित ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान

SHEOPUR: आज़ादी के 75 साल बाद भी इस गांव में नहीं पहुंची मूलभूत सुविधा, आक्रोशित ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान
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बता दें कि सरकार की वादा खिलाफी का ताजा मामला श्योपुर जिले में हलगांवडा खुर्द ग्राम पंचायात के बमोरीहाला गांव का है। जहां आज तक गांव वालो को मूलभूत सुविधाओं का अभाव नहीं हुआ। जिसके लिए ग्रामीण आजादी के 75 साल के बाद भी तरस रहे है।

श्योपुर; मध्यप्रदेश में चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों शोरों से जारी है। जिसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी प्रदेश का दौरा कर लोगों को अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनवा रहे है। ताकि जनता उन्हें अपना मत दे। लेकिन दूसरी तरफ आज भी प्रदेश में कुछ ऐसी गांव है। जहां आज तक जनता को विकास की झलक तक देखने को नहीं मिली। जिसकी वजह से अब आक्रोशित ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। साथ ही झूठे आश्वासन देने को लेकर चुनाव बहिष्कार करने का भी एलान कर दिया है।

सड़क, नल और अन्य सुविधाएं नहीं तो वोट नहीं

बता दें कि सरकार की वादा खिलाफी का ताजा मामला श्योपुर जिले में हलगांवडा खुर्द ग्राम पंचायात के बमोरीहाला गांव का है। जहां आज तक गांव वालो को मूलभूत सुविधाओं का अभाव नहीं हुआ। जिसके लिए ग्रामीण आजादी के 75 साल के बाद भी तरस रहे है।बता दें कि सरकार की वादा खिलाफी का ताजा मामला श्योपुर जिले में हलगांवडा खुर्द ग्राम पंचायात के बमोरीहाला गांव का है। जहां आज तक गांव वालो को मूलभूत सुविधाओं का अभाव नहीं हुआ। जिसके लिए ग्रामीण आजादी के 75 साल के बाद भी तरस रहे है।जिसको लेकर ग्रामीण कोई बार अधिकारियों से मदद की गुहार लगा चुके है। लेकिन इसके बाद भी उनकी मदद नहीं की गई। जिसकी वजह से नाराज ग्रामीणों ने चुनाव के बहिष्कार के संबंध में गांव में दीवार लेखन भी कराया है, जिसमें लिखा गया है कि, सड़क, नल और अन्य सुविधाएं नहीं तो वोट नहीं।

मूलभूत सुविधाएं नहीं तो मतदान क्यों

ग्रामीणों का कहना है कि, उनके गांव में न सीसी सड़क है और न ही नाले नाली का निर्माण कराया गया है, ऐसी स्थिति में उन्हें कीचड़ से होकर उन्हें गुजरना पड़ता है। पानी के लिए गांव में नल-जल योजना के नल नहीं लगाए गए हैं। इसके अलावा भी कई मूलभूत सुविधाओं की कमी है जिससे वह परेशान है। इन हालातो में जब उन्हें मूलभूत सुविधाएं ही नहीं मिल रही तो वह मतदान क्यों करें। इस बारे में जिला प्रशासन के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई है। आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि अगर उन्हें जल्द ही यह सुविधा नहीं दी गई तो वो चुनाव का बहिष्कार करेंगे। ग्रामीणों के इस एक्शन के बाद प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है। जिसको लेकर प्रशासनिक अधिकारी गांव वालों को समझने में लगे है।

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