नंदी पर सवार हो निकले बटेश्वर,सीएम ने रथ खींचकर शिव बारात की शुरूआत,आठ किमी का सफर 12 घंटे में किया तय

भोपाल। राजधानी सड़कों पर जहां तक देखो श्रद्धालुओं की भीड़, चांदी के रथ में सिर पर सेहरा बांधे भगवान भोले और रथ पीछे नाचते गाते बाराती। चारों और शिव के नाम की गूंज, कहीं आसमान में उड़ती गुलाल तो कहीं मस्ती का गुबार। छतों से फूलों की वर्षा मानों देवता भी कर रहे हों शिव का अभिनंदन। सुगंधित चंदन की खुशबू से पूरा माहौल शिवमय हो गया। यह नजारा था शनिवार को पुराने शहर के बड़वाले महादेव मंदिर से निकली शिव बारात का। भगवान भोले जब मां भवानी को ब्याहने निकले तो लोगों ने जगह-जगह उनका अभिनंदन किया। क्या छोटे क्या बड़े, बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शिव की बारात के साक्षी बने। श्री बड़वाले महादेव मंदिर से बाबा श्री बटेश्वर सुबह 10:00 बजे नगर भ्रमण पर निकले। दूल्हा बने बाबा श्री बटेश्वर की पूजा-अर्चना करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रथ खींचकर शिव बारात की शुरूआत की। इसके पहले सुबह करीब 8:30 पर सीएम ने श्री बटेश्वर महाराज की विधि-विधान से पूजा की। चांदी की पालकी में विराजे बाबा श्री बटेश्वर की प्रदेश व देश की सुख-समृद्धि के लिए कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा भोलेनाथ और माता पार्वती की कृपा से प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है। इस मौके पर विधायक रमेश्वर शर्मा, पूर्व महापौर अलोक शर्मा मंदिर समिति के संयोजक संजय अग्रवाल एवं प्रकाश मालवीय आदि मौजूद थे।
कई झांकिया हुई शामिल
भगवान वटेश्वर चांदी के रथ पर नंदी की सवारी करते हुए दूल्हा स्वरूप में शामिल थे, रथ पर विभिन्न देवी-देवताओं के स्वरूप में बाल और युवा कलाकार विराजमान थे, धार्मिक प्रसंगों पर आधारित कई झांकियां थी, साथ ही सुर, नर, मुनि, किन्नर, असुर, यक्ष, गंवर्ध, भूत पिशाच के वेष में भी श्रद्धालु शामिल थे।
रात पहुंची भवानी के द्ववार
बारात सिंधी मार्केट, जवाहर चौक जुमेराती, हनुमानगंज, मंगलवारा, इतवारा, चिन्तामन चौक, सावरकर चौक, लखेरापुरा से होते हुए करीब आठ किमी का सफर तय करीब 12 घंटे बाद रात मां भवानी मंदिर सोमवारा पहुंची। यहां पर मंदिर समिति के रमेश सैनी बारात की आगवानी की। इसके बाद यहा पर वरमाला की रस्म की गई। इसके बाद पूजा अर्चना के बाद माताजी को लेकर बारात वापस मंदिर आ गई। यहां पर परिणय उत्सव, श्रंगार दर्शन एवं जागरण कार्यक्रम किया गया। भव्य बारात में भगवान ब्रम्हा, विष्णु आदि के रथ देखने को मिल रहे थे। शिव बरात में करीब 30 हजार से अधिक श्रध्दालु शिव बरात में शामिल हुए।
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