MP का बवंधर गांव, जहां आजादी के बाद आज तक सड़क बनीं ही नहीं

MP का बवंधर गांव, जहां आजादी के बाद आज तक सड़क बनीं ही नहीं
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मध्यप्रदेश में गांव-गांव तक पक्की और चमकदार सड़क बनाने का दावा करने वाली राज्य सरकार को यह खबर उस हकीकत से रू-ब-रू कराती है, जो जवा इलाके में बवंधर गांव के ग्रामीण भोग रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर-

रीवा (जवा)। जनपद पंचायत जवा के गौहाना पंचायत अंतर्गत बवंधर गांव विकास से कोसों दूर रह गया है। मौलिक सुविधाओं की राह देखते-देखते ग्रामीणों की आंखें पथरा गईं हैं। एक ओर जहां सरकार गांवों को आपस में जोड़ने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत पीसीसी व कालीकरण सड़क का निर्माण कर रही है। वहीं गौहाना पंचायत के बवंधर गांव आजादी के बाद भी सड़कविहीन है। जवा से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित बवंधर गांव में यादव एवं कुशवाहा समुदाय के सैकड़ो परिवार रहते हैं। सभी दैनिक मजदूरी कर अपना परिवार चलाते हैं। मुख्य मार्ग से गांव तक जाने के लिए अब तक सड़क का निर्माण नहीं किया गया है।

मुख्य मार्ग से इस गांव तक कच्ची सड़क है। मुख्य सड़क से कुछ मीटर तक मुरूमी सड़क बनी है। जबकि इसके बाद सड़क की मिट्टी को काटकर रख दिया गया है। गांव को जोड़ने के लिए सड़क नहीं बनाए जाने के कारण ग्रामीणों को कई तरह की परेशानियां होती हैं। बरसात के दिनों में तो ग्रामीणों को घर से निकलना दुश्वार हो जाता है। हल्की बारिश में कच्ची सड़क दलदल में तब्दील हो जाती है। सायकिल गाड़ियां तो दूर की बात है, पैदल तक चलने में परेशानी होती है। 2015 में मनरेगा के तहत एक कच्ची सड़क बनाई गई थी, जो रखरखाव के अभाव में बरसाती पानी से बह गई है। आंगनबाड़ी केंद्र तथा प्राथमिक विद्यालय गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर है। जहां जाने का रास्ता नहीं होने के कारण बच्चे नहीं जा पाते हैं। सड़क के बिना टीकाकरण के लिए गर्भवती व धात्री महिला एवं बच्चों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है। महिला व बच्चे नियमित टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं। प्राथमिक स्कूल के बच्चे स्कूल नही जा पाते। गांव से पांच किलोमीटर की दूरी पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, जहां उपचार के लिए मरीजों को ले जाने में कई तरह की परेशानी होती है। मजबूरन आसपास के ग्रामीण डॉक्टर के पास जाकर इलाज कराने को ग्रामीण मजबूर हो जाते हैं।

ग्रामीणों से बातचीत के दौरान रामनरेश यादव ने बताया कि बवंधर गांव जवा-डभौरा मुख्य मार्ग से एक किलोमीटर की दूरी पर है। एक गांव को दूसरे गांव से जोड़ने के लिए सरकार सड़क बना रही है, परंतु बवंधर को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए 70 साल में भी एक पक्की सी सड़क नहीं बनाई गई है। सड़क के बिना ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। वहीं दूसरे ग्रामीण बांकेबिहारी ने बताया कि अन्य मौसम में कच्ची सड़क पर किसी तरह उपचार के लिए गांव के मरीजों को उपचार के लिए ऑटो से ले जाते हैं। परंतु बरसात के दिनों में जब कच्ची सड़क दलदल बन जाती है तो मरीजों को चारपाई में ढोकर मुख्य सड़क तक ले जाते हैं। सड़क निर्माण के लिए प्रशासनिक पदाधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगाई गई परंतु अब तक नतीजा शून्य रहा।

गांव के ही दुर्गेश गुलशन यादव ने बताया कि वैसे तो गांव में कई समस्याएं हैं, परंतु मुख्य समस्या कच्ची सड़क है। सड़क के बिना गांव का विकास अवरुद्ध हो रहा है। बरसात के दिनों में मुख्य सड़क तक ही नहीं बल्कि एक दूसरे के घर आने-जाने में भी ग्रामीणों को परेशानी होती है। गांव में बरसात का पानी के जमाव से हम लोग अपने पड़ोसी के घर से भी कट जाते हैं। कई जनप्रतिनिधियों ने सड़क बनवाने का आश्वासन दिया पर बनाया किसी ने नहीं।

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