सरकारी स्कूलों में पहुंचे भोपाल कलेक्टर, शिक्षक और चपरासी निलंबित, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवा होगी समाप्त

भोपाल। भोपाल के कलेक्टर आशीष ने बुधवार को रातीबड़ ,सूरज नगर, बिसनखेड़ी सहित अन्य सरकारी स्कूलों में आकस्मिक पहुंच निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में कलेक्टर को स्कूल कार्य में लापरवाही और गुणवत्ता में बहुत कमी लगी । जिसके बाद कलेक्टर आशीष ने जिला शिक्षा अधिकारी को 6 से अधिक शिक्षक और कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए निर्देशित कर दिया । अपने इस आकस्मिक निरीक्षण के दौरान कलेक्टर आशीष सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों से भी मिले और उनसे यह पूछा कि शिक्षक कैसे पढ़ा रहे है।
स्कूलो में निरीक्षण के दौरा क्या पाया
आकस्मिक निरीक्षण के दौरान कलेक्टर आशीष ने सूरज नगर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पाया कि विद्यालय में शिक्षा के अतिरिक्त अन्य कार्य भी किए जा रहे थे। यह देख कलेक्टर नें संबंधित प्राचार्य वंदना उपाध्याय के लिए शो कॉज नोटिस जारी कर दिया । इसी प्रकार कलेक्टर ने कोटरा सुल्तानाबाद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का जब निरीक्षण किया तो उन्होने निरीक्षण के दौरान पाया गया कि 2 टीचर अवकाश पर हैं और 3 टीचर किसी अन्य कार्य में बाहर गए हुए हैं। यहां तक कि प्राचार्य रंजना सक्सेना भी बिना सूचना के अनुपस्थित पाइ गयी । इस पर कलेक्टर आशीष ने 1 दिन की वेतन काटने और असंचयी प्रभाव से वेतन वृद्धि रोकने के लिए के साथ कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया।
कलेक्टर आशीष ने निरीक्षण के दौरान शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रातीबड़ में पाया कि शिक्षक हेमंत श्रीवास्तव 1 जुलाई से अनुपस्थित हैं, भृत्य विजय सिंह परिहार संस्था में कोई काम में सहयोग नहीं करते है। इस बात को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर ने दोनों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं। एक अन्य चपरासी मोहन वर्मा द्वार भी विद्यालय में अशोभनीय वातावरण और असहयोग करते है। इनका भी 1 दिन का वेतन काटने के साथ ही असंचयी प्रभाव से वेतन वृद्धि रोकने के रोकने के लिए भी कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने को कहा गया है। विद्यालय की प्राचार्य शशि सिंह के प्रभावी नियंत्रण नहीं किए जाने के कारण उनको भी असंचयी प्रभाव से वेतन वृद्धि रोकने के लिए सूचना पत्र जारी करने को कहा गया।
इसी प्रकार निरीक्षण के दौरान कलेक्टर आशीष ने आंगनवाड़ी केंद्र 1074 में पाया कि यहां पर 80 बच्चे पंजीकृत है,जबकि केवल 13 बच्चे ही उपस्थित थे। इतना ही नहीं उनका कोई रिकॉर्ड भी नही रखा जा रहा था और इसका जवाब मांगने पर संतुष्टि पूर्वक जवाब नही दिया गया। जिससे संबंधी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा जाटव की सेवा समाप्ति करने के कलेक्टर ने निर्देश दिए।
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