पेरेंट्स के हित में भोपाल कलेक्टर का बड़ा फैसला, स्कूल बैग, बुक्स और यूनिफार्म को लेकर जारी की नई गाइडलाइन

पेरेंट्स के हित में भोपाल कलेक्टर का बड़ा फैसला, स्कूल बैग, बुक्स और यूनिफार्म को लेकर जारी की नई गाइडलाइन
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स्कूल प्रशासन और दुकानदारों की साठगांठ की वजह से पेरेंट्स की जेब में कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योकि भोपाल जिला कलेक्टर ने गाइडलाइन जारी की है। जिसके तहत बुक्स, बैग और यूनिफार्म कम से कम तीन दुकानों पर मिलनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो धारा 144 में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

भोपाल : स्कूल की छुट्टिया खत्म हो चुकी है और दोबारा बच्चों को स्कूल जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। लेकिन स्कूल खुलने से सबसे ज्यादा परेशानी पेरेंट्स को होती है। क्योकि हर साल पेरेंट्स को बच्चों के लिए नया स्कूल बैग, बुक्स और यूनिफार्म खरीदना पड़ता है। जिसके लिए स्कूल कमीशन के लिए सारी चीज़ो का ठेका एक दुकान में दे देते है। जिसकी वजह से पेरेंट्स को ज्यादा दामों में चीज़े खरीदने पड़ते हैं। लेकिन अब स्कूल प्रशासन और दुकानदारों की साठगांठ की वजह से पेरेंट्स की जेब में कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योकि भोपाल जिला कलेक्टर ने गाइडलाइन जारी की है। जिसके तहत बुक्स, बैग और यूनिफार्म कम से कम तीन दुकानों पर मिलनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो धारा 144 में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

स्कूल और दुकानदारों की सांठगांठ से पैरेंट्स को जमकर लूटा जाता है

दरअसल हर साल स्कूल खुलते ही स्कूल और दुकानदारों की सांठगांठ से पैरेंट्स को जमकर लूटा जाता है, क्योंकि प्राइवेट स्कूलों द्वारा स्कूल बैग से लेकर यूनिफार्म तक के लिए किसी एक दुकानदार को ठेका दे दिया जाता है। ऐसे में संबंधित स्कूल की किताबें, बैग और यूनिफार्म किसी अन्य दुकान पर नहीं मिलती है, इस कारण मजबूरी में पैरेंट्स को ज्यादा कीमत चुकाकर ये तीनों चीजें खरीदनी पड़ती है। लंबे समय से चल रही कमीशन के खेल को रोक्न के लिए कलेक्टर द्वारा ये कदम उठाया गया है।

बैठक में कलेक्टर ने लिया बड़ा फैसला

भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने शुक्रवार को कलेक्टोरेटमें एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें सभी प्राइवेट स्कूल केे संचालकों सहित स्कूल बस संचालक भी उपस्थित हुए, इस मीटिंग में साफ कह दिया गया कि स्कूल की किताबें और यूनिफार्म के लिए कम से कम तीन दुकानों की व्यवस्था हो, बस्तों के वजन भी नियमानुसार रखे जाएं। किसी एक ही दुकान पर ये चीजें मिले ऐसी मोनोपॉली नहीं रहे। अगर कहीं ऐसा पाया जाता है तो धारा 144 में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर के इस फैसले के बाद निश्चित तौर पर अभिभावको को महंगाई से थोड़ी राहत मिलेगी।

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