Bhopal Dengue Cases : भोपाल में डेंगू से पहली मौत, 31 साल की महिला ने गंवाई जान

Bhopal Dengue Cases  : भोपाल में डेंगू से पहली मौत, 31 साल की महिला ने गंवाई जान
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राजधानी में डेंगू बढ़ता जा रहा है। डेंगू से इस सीजन में शनिवार को पहली मौत जेपी अस्पताल में भर्ती एक महिला की हो गई।

भोपाल। राजधानी में डेंगू बढ़ता जा रहा है। डेंगू से इस सीजन में शनिवार को पहली मौत जेपी अस्पताल में भर्ती एक महिला की हो गई। महिला पांच दिन से जेपी अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती थी। महिला की एलाइजा रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी।जानकारी के मुताबिक 31 वर्षीय महिला सोना भेरूंदा की रहने वाली थी। महिला का मायका भोपाल में है। पांच दिन पहले बुखार आने पर परिजनों ने महिला को जेपी अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने जांच के बाद डेंगू की पुष्टि करते हुए उपचार शुरू किया था। महिला के प्लेटलेट्स लगातार कम हो रहे थे। डेंगू से शहर में यह पहली मौत है, जबकि पांच सौ से ज्यादा लोग इससे पीडि़त हो चुके हैं। जिन क्षेत्रों में डेंगू के मरीज मिले हैं वहां पर लार्वा सर्वे और छिड़काव आदि का काम शुरू कर दिया है। हालांकि यह प्रयास भी देर से शुरू किए। इससे मच्छरों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है, इसके लिए कोई कारगर उपाय स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की ओर से नहीं किया जा रहा है।

रोज आ रहे 8 से 10 केस

भोपाल में रोजाना 8 से 10 केस सामने आ रहे हैं। जिसके कारण लगातार मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसकी गंभीरता को देखते हुए अधिकारी फील्ड स्तर पर अधिक से अधिक गतिविधियां सुचारू रूप से जारी रखने के निर्देश दे रहें हैं। मगर इसके बावजूद बरती जा रही लपरवाही के कारण इसके मामलें सामने आ रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में डेंगू के लगभग 25 मरीज भर्ती हैं। जिसमें से अकेले जेपी अस्पताल में ही 7 मरीज हैं। निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या 20 के करीब है। खास बात यह है कि इनमें से कई लोग सिर्फ लक्षणों के अधार पर भर्ती हैं। एम्स, भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेन्टर, जेपी जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल बैरागढ़ और हमीदिया अस्पताल में डेंगू की फ्री जाँच की सुविधा मौजूद है।

बिना अमला कैसे रुकेगा डेंगू

राजधानी में वर्तमान में 25 लाख की आबादी है। लेकिन रोकथाम के लिए मलेरिया विभाग के कर्मचारियों की संख्या 100 से भी कम है। फील्ड पर तैनात कई कर्मचारी अधिकारियों की जगह नौकरी कर रहे हैं। खास बात यह है कि यह अमला करीब 35 साल पहले स्वीकृत हुआ था। जब शहर की अबादी कुल 4 लाख थी। उसमें से भी 60 फीसदि पद खाली हैं। जिसमें निरीक्षक लगभग सारे पद खाली हैं। वहीं फील्ड स्टाफ के 40 पद खाली पड़े हैं।

यह कैसा अलर्ट: सूचना देने के बाद भी न सर्वे न ही फॉगिंग

डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या पर शहर में डेंगू को रोकने के उपायों को लेकर लापरवाही करने के आरोप लग रहे हैं। शहर में डेंगू मरीज मिलने के बाद सर्वे और फॉगिंग की खानापूर्ति की जा रही है। लोगों का कहना है कि उनके इलाके में न तो सर्वे शुरू हुआ और न ही फॉगिंग। सिर्फ वीआईपी इलाके में टीम ने काम कर बाकी में खानापूर्ति कर दी। शहर में डेंगू का संक्रमण बढ़ने एक बड़ी वजह स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की लापरवाही भी है। जिन मरीजों को डेंगू हुआ है, उनके घर में ही सर्वे नहीं किया जा रहा है, जबकि उन्हें संक्रमित हुए तीन-चार दिन हो गए हैं। उधर स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा है कि डेंगू का मरीज मिलने पर 24 घंटे में ही लार्वा सर्वे किया जाता है।

डेंगू हॉट स्पाॅट बना नया शहर

अभी तक पाए गए डेंगू मरीजों में से 70 फीसदी नए शहर के निवासी हैं। लगभग 275 मरीज नए शहर में ही मिले हैं। इनका विभिन्न निजी और शासकीय अस्पतालों में इलाज किया गया और इनमें से अधिकांश स्वस्थ हो चुके हैं। अभी लगभग दो दर्जन लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

ये हैं सेंसटिव जोन

टीटी नगर, कोलार, अरेरा कॉलोनी, इंद्रपुरी, शाहपुरा, इंद्रापुरी और मीनाल रेसीडेंसी।

ये हैं डेंगू के लक्षण

तेज बुखार आना

सिर दर्द

मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द

जी मचलाना व उल्टी

आंखों के पीछे दर्द

त्वचा पर लाल चकत्ते

ऐसे करें बचाव

हमेशा फुल शर्ट और पैंट पहनें।

आसपास में जलभराव और गंदगी ना होनें दें।

घरों के गमले और कूलर में पानी ना जमा होने दें।

इस्तेमाल न होने पर पानी की टंकी में भी मच्छर पनप सकते हैं।

बुखार को हल्के में ना लें।

घर में साफ-सफाई रखें।

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