Bhopal Dengue Cases : लार्वा सर्वे टीम को घर में घुसने नहीं दे रहे लोग, 24 घंटे में मिले 8 नए केस

Bhopal Dengue Cases : लार्वा सर्वे टीम को घर में घुसने नहीं दे रहे लोग, 24 घंटे में मिले 8 नए केस
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राजधानी में डेंगू का डंक थमने की बजाए बढ़ता जा रहा है। अब तक राजधानी में ही डेंगू के 400 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं, लेकिन लापरवाही जारी है।

भोपाल। राजधानी में डेंगू का डंक थमने की बजाए बढ़ता जा रहा है। अब तक राजधानी में ही डेंगू के 400 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं, लेकिन लापरवाही जारी है। लोगों की लापरवाही ऐसी है कि लार्वा सर्वे करने वाली टीम को लोग घर में घुसने नहीं दे रहे हैं। वहीं, लार्वा सर्वे और डेंगू की रोकथाम में लगी टीमें वीआईपी इलाकों में लार्वा सर्वे और फॉगिंग करती रही और शहर में डेंगू के नए हॉट स्पॉट बन गए। शहर के टीटी नगर, कोलार, साकेत नगर, चार इमली, अरेरा कॉलोनी, इंद्रपुरी, शाहपुरा, पिपलानी, बागमुगलिया, लालघाटी और जुमेराती इलाका शहर के डेंगू सेंटेविज जोन में शामिल हैं। बतादें कि डेंगू मरीज मिलने पर घर के 400 मीटर तक चारों दिशाओं में छिड़काव जरूरी रहता है, लेकिन अमला नहीं पहुंच रहा। लोगों की लापरवाही से यह बीमारी फैल रही है और जिम्मेदारी अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

25 लाख आबादी पर 100 कर्मचारी, कैसे रुकेगा डेंगू?

राजधानी में वर्तमान में 25 लाख की आबादी है। लेकिन इस पर रोकथाम के लिए मलेरिया विभाग के कर्मचारियों की संख्या 100 से भी कम है। फील्ड पर तैनात कई कर्मचारी अधिकारियों की जगह नौकरी कर रहे हैं। खास बात ये है कि, ये अमला करीब 35 साल पहले स्वीकृत हुआ था। जब शहर की आबादी कुल नौ लाख थी। उसमें से भी 60 फीसदी पद खाली हैं, जिसमें निरीक्षक लगभग सारे पद खाली हैं। वहीं फील्ड स्टाफ के 40 पद खाली पड़े हैं।

डेंगू का बदला ट्रेंड

डेंगू का मच्छर गंदे नहीं,साफ पानी में पनपता है। पॉश कॉलोनियां जहांं गमले हैं, वहां यह मच्छर ज्यादा होता है। लेकिन इस बार ट्रेंड बदल गया है। डेंगू के मामले पुराने शहर से ज्यादा मिल रहे हैं। साकेत नगर, कोलार, बागमुगलिया, लालघाटी, जुमेराती और मैदामिल इलाके में ज्यादा मरीज मिले हैं। शहर के करीब 11 वार्ड डेंगू का हॉटस्पाट बन रहे हैं। राजधानी के 35 फीसदी केस इन्हीं वार्डों में मिले हैं।

लगातार सर्वे किया जा रहा है...

स्वास्थ्य सेवा विभाग उप संचालक डॉ. हिमांशु जैसवार ने कहा कियह मौसम डेंगू के लिए सबसे उपयुक्त है। इस बार मार्च-अप्रैल से ही डेंगू लार्वा सर्वे चालू हो गया था। कॉलोनियों में लगातार सर्वे का काम किया जा रहा है। जहां लार्वा मिलता है वहां समझाइश के साथ जुर्माना भी किया जाता है।

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