गांवों में हुए पांच कामों के कारण मध्यप्रदेश का भोपाल जिला रहा अव्वल, जानिए किस तरह किए प्रशासन ने प्रयास

भोपाल। स्वच्छता के पायदान पर प्रदेश में भोपाल जिले को पहला तमगा मिलने के पीछे जिला प्रशासन द्वारा गांवों में किए गए पांच काम हैं, जिनके लिए लगातार प्रयास जारी रहे। इसके तहत जिले की 222 ग्राम पंचायतों के 466 गांवों में घरों से निकलने वाले गंदे पानी को सेग्रीगेट करने के लिए 24.6 किलोमीटर नाली का निर्माण किया गया। इसके साथ 170 सेग्रीगेशन शेडों से गीले और सूखे कचरे को सेग्रीेगेट किया जा रहा है। 140 ई-रिक्शा और 100 हैण्ड रिक्शा से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन किया जा रहा है।
प्लॉस्टिक फ्री बनाने बर्तन बैंक
गांवों को प्लास्टिक मुक्त बनाने की पहल में बर्तन बैंक की शुरूआत की गई, जहां सामाजिक कार्यक्रमों में उपयोग होने वाली प्लास्टिक प्लेट, डिस्पोजल के उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में गांव के लोगों को बताया गया।
जीपीएस लगाकर कचरा गाड़ियों की मॉनीटरिंग
गांव स्तर पर 4-4 लोगों की स्वच्छता टीम गठित कर मॉनिटरिंग कराई गई। गांव में खुले में कचरा फेंकने वालों की निगरानी की गई। सभी कचरा गाड़ियों में जीपीएस इंस्टाल कर जिला स्तर पर कमांड सेंटर से प्रतिदिन इसकी मॉनिटरिंग भी की जा रही है।
टैक्स सखियों ने किया टैक्स कलेक्शन
ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए पंचायतों में लिए जाने वाले टैक्स की वसूली के लिए टैक्स सखी की नियुक्ति की गई। टैक्स कलेक्शन से ग्राम पंचायत का विकास होने के साथ स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिल रहा है।
सेनेटरी पेड के लिए लगाई वेडिंग मशीन
महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पंचायतों में महावारी सुरक्षा प्रबंधन के तहत 18 इंसीनिरेटर और वेंडिंग मशीन का इंस्टालेशन किया गया है, जहां महिलाएं आसानी से सेनेटरी पेड ले लेने के साथ उसका डिस्पोजल भी कर सकती है।
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