Bhopal Gaurav Diwas : फिर उठी नाम बदलने की मांग,क्या पूरी होगी ये डिमांड

Bhopal Gaurav Diwas :भोपाल केवल नवाबों का ही नहीं, राजा भोज का भोजपाल भी है। यह सिर्फ शहर नहीं, यह एक काल है, जो बेमिसाल है। भोपाल का इतिहास गौरवशाली है। भोपाल को और आगे ले जाना है। इसे नंबर वन बनाना है। हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था। लेकिन भोपाल को सही मायने में आजादी 1 जून 1949 को मिली थी। भोपाल के नवाब हमीदुल्ला ने भारत में भोपाल के विलय से इंकार कर दिया था। यहां पर विलीनीकरण आंदोलन चला, जिसके बाद हमें स्वतंत्रता मिली। बोरास के 4 लोग शहीद हुए।
यह बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मोती लाल नेहरू स्टेडयिम में आयोजित भोपाल गौरव दिवस समारोह में कहीं। इस दौरान सीएम चौहान ने कहा कि भोपाल राजाभोज का शहर है। इसे राजाभोज ने ही बसाया है। उन्होंने ने ही सबसे पहले सुशासन के मंत्र दिये थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि दोस्त मोहम्मद खान ने धोखे से रानी कमलापति से भोपाल छीन लिया था। हमने भोपाल में बड़े तालाब पर राजाभोज के सम्मान में मूर्ति की स्थापना की। हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर किया। इस्लाम नगर का नाम बदलकर जगदीशपुर किया। सीएम ने भोपाल की जनता से देश में भोपाल को स्वच्छ बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें भोपाल को स्वच्छता में इंदौर से आगे लेकर जाना है। यही नहीं भोपाल में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण भी किया जाएगा। यहां वेडलैंड कॉरिडोर और संग्रहालय बनाया जाएगा। इस अवसर पर सांसद प्रज्ञा सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
नृत्य प्रस्तुति ने किया मुग्ध
कार्यक्रम की शुरुआत समीक्षा शर्मा और महमूद खान के समूह की प्रस्तुति से हुई। कलाकारों ने कथक और राजस्थान नृत्य का फ़्यूजन पेश किया। दिल्ली की नृत्य गुरु डॉ. समीक्षा शर्मा 32 कलाकारों के साथ महाकाल संस्तुति की प्रस्तुति दी। डॉ. समीक्षा ने बताया कि 40 मिनट की प्रस्तुति में महाकाल पर आधारित भस्म आरती के साथ ध्रुपद की रचना राग बैरागी में प्रस्तुत की। साथ ही स्तुति, राजस्थानी लोक संगीत में गाया जाने वाला तानसेन रचित बिलावल फाटका शामिल हैं।डॉ. समीक्षा ध्रुपद में आलाप पर सोलो परफॉर्मेंस दी।
कृष्णा-सुदेश ने छोड़े हंसी के फुव्वारे
सुदेश लहरी और अभिषेक कृष्णा की जोड़ी ने जमकर लोगों को हंसाया। सुदेश लहरी ने अपने अंदाज में लोगों को हंसाने एक से बढ़कर एक किस्से सुनाये। उन्होंने 2 मिनट में 20 गाने को सुनाए। इसी बीच कृष्णा आए। तभी सुदेश ने कहा कि इसका मामा गोविंदा है और मेरा मामा शर्मिंदा है। कृष्णा ने कहा कि मुंबई में मैं अकेला हूं जो मामा के नाम पर चल रहा है, यहां तो पूरा स्टेट मामा के नाम पर चल रहा है। इस दौरान दोनों ने जगजीत सिंह की गजल सुनाई। सुदेश ने कई फिल्मी कलाकारों हनी सिंह, सोनू निगम, मीका सिंह, अनूप सिंह की आवाज निकाली।
इनका हुआ सम्मान
गौरव दिवस समारोह के दौरान भोपाल को स्वतंत्र कराने में अहम भूमिका निभाने वाले स्वातंत्र्य वीरों का सम्मान किया गया। इसमें भाई उद्ववदास मेहता, भाई रतनकुमार, अक्षय कुमार जैन, पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, मास्टर लाल जी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मानित किया।
लेजर से बताया भोपाल का इतिहास
इससे पहले भोपाल के इतिहास से जुड़ी जानकारी को तकनीक के माध्यम से दिखाया। पूरा इतिहास लेजर शो के माध्यम से दर्शकों ने देखा जिसमें परमार वंश काल, राजा भोज, भोजपाल की स्थापना, मुगलों का शासन, भोपाल की स्वतंत्रता को बताया गया। इसके बाद भोपाल के राजनैतिक पक्ष को दिखाते हुए विकास और यहां की उन्नति को दिखाया गया।
मनोज ने सुनाया भोपालीनामा
समारोह के दौरान गीतकार मनोज मुंतशिर ने भोपालीनामा पेश किया। इस दौरान उन्होंने भोपाल के गौरव राजाभोज, रानी कमलापति से जुड़े कई अहम किस्से सुनाए। मनोज ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भोपाल का नाम भोजपाल करने का आह्वान किया। उन्होंने जनता की सहमति लेते हुए कहा कि भोजपाल राजाभोज की नगरी है, दोस्त मो. खान और हमीदुल्ला जैसे लुटेरों ने इसका नाम भोपाल कर दिया था। लेकिन हम चाहते है कि इसका वैभव फिर से लौटाते हुए नाम भोजपाल किया जाए। इस दौरान मनोज ने अपनी फिल्म बाहुबली का संवाद दोहराते हुए कहा कि जब तक तुम हमारे साथ हो मामा, भोपाल को हराने वाला कोई पैदा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं उस धरा पर खड़ा हूं जो 9 नदियों, 99 जलाशयों से भरा हुआ है। इस दौरान उन्होंने नये संसद भवन के लोकार्पण से जुड़ी जानकारी लोगों से साझा की। लोगों के बीच चर्चा को जारी रखते हुए मनोज ने कहा कि आजादी के बाद हमीदउल्ला बिल्कुल नहीं चाहते थे कि भोपाल का विलय भारत में हो। वे भोपाल को अपने अंगूठे के नीचे दबाये रखना चाहते थे। लेकिन हमारे पूर्वजों ने संघर्ष करते हुए इसे स्वतंत्र कराया। उन्होंने कहा कि पूर्वजों ने ऐसा कदम नहीं उठाया होता तो आज भोपाल में पाकिस्तान का परचम लहरा रहा होता। उन्होंने कहा कि जिन्होंने हम पर राज किया हम उनसे आगे निकल गये हैं।
इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रेया को सुनने के लिए रात 11 बजे तक श्रोताओं की भीड़ लगी रही। इस दौरान उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत मेरे इश्क की कहानी मशहूर हो गई.. गाने से की। इसके बाद उन्होंने लोगों की फरमाइश पर दिल खो गया हो गया किसी का... सुनाया तो उपस्थित श्रोताओं ने तालियों के साथ स्वागत किया। इसी क्रम में बहारा बहारा हुआ है आज पहली बार... जब आया मेरा सजना मेरे देश... गाने को सुनाया।
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