Bhopal Human Trafficking Case : फर्जी डॉक्टर सीमादेवी के बैंक अकाउंट से सालभर में हुआ 30 लाख का ट्रांजेक्शन

Bhopal Human Trafficking Case : फर्जी डॉक्टर सीमादेवी के बैंक अकाउंट से  सालभर में हुआ 30 लाख का ट्रांजेक्शन
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बहुचर्चित अपहरण और मानव तस्करी कांड में गिरफ्तार आरोपियों में फर्जी डॉक्टर सीमादेवी के अकाउंट का लेखा-जोखा पुलिस को मिल गया है।

भोपाल। बहुचर्चित अपहरण और मानव तस्करी कांड में गिरफ्तार आरोपियों में फर्जी डॉक्टर सीमादेवी के अकाउंट का लेखा-जोखा पुलिस को मिल गया है। सीमा के खाते से एक साल के भीतर तीस लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है।ट्रांजेक्शन देखकर पुलिस को अनुमान है कि करीब सवा सौ से अधिक डिलेवरी यहां कराई जा चुकी हैं। इसके अलवा यह भी पता चला कि भ्रूण लिंग की जांच कराना गैरकानूनी है, बावजूद इसके यहां पर भ्रूण की जांच कराई जाती थी। सीमादेवी के अस्पताल में बतौर डॉक्टर की भूमिका निभाने वाले डॉक्टर को पूछताछ के लिए पुलिस दिल्ली से भोपाल लाई थी। उसे कोर्ट में पेश कर दिया गया है। कोर्ट से पांच नवंबर तक की रिमांड मिली है। उल्लेखनीय है कि सीमा समेत चार चार आरोपी पहले से ही जेल में हैं।

अशोक कुमार को पुलिस हिरासत में लेकर आई थी

पुलिस के अनुसार अपहरण कांड से जुड़ी दिल्ली बदरपुर निवासी सीमा उर्फ शक्ति देवी और गुडगांव, हरियाणा निवासी अर्चना सैनी (38), मूलत: केरल निवासी उसके पति निशांत (32), बेटे सूरज (18), सूरज की गर्लफ्रेंड मुस्कान बानो, अर्चना की नाबालिग बेटी की मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। सीमादेवी की पूछताछ के बाद अलीगढ़ निवासी डॉ. अशोक कुमार को पुलिस हिरासत में लेकर आई थी।

एंजिल के माता-पिता तक पहुंचेगी पुलिस

आरोपी सीमा को तीन महीने की एंजिल मिली थी। मासूम एंजिल भी अनचाहे गर्भ से पैदी हुई थी और उसे माता पिता ने सीमादेवी को सौंप दिया था। अब पुलिस आरोपियों को दिल्ली लेकर जाएगी और बच्ची ऐंजल के मां-पिता की पहचान की जाएगी। पुलिस का मानना है कि एंजिल को बेचा गया है और इस तरह से माता पिता मानव तस्करी से जुड़े हैं। अब उन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा।

इतनी डिलेवरी कराई की अशोक को याद नहीं

डॉ. अशोक ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसे याद ही नहीं कि उसने अब तक कितनी डिलेवरी करा दी हैं। पुलिस ने अशोक के अस्पताल से दस्तावेज जब्त किए हैं। अब पुलिस सीमा और डॉ. अशोक के अस्पताल की सभी मशीनों करेगी। हालांकि जांच का एरिया दूसरे राज्य में होने की वजह से पुलिस आगे की जांच संबंधित क्षेत्र की पुलिस को सौंपेगी।

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