Bhopal News : कलियासोत डैम किनारे 96 कब्जे, केरवा में 33 अतिक्रमण, ज्यादातर सरकारी भूमि पर

भोपाल। एनजीटी में बुधवार को राजधानी के केरवा और कलियासोत नदी के मामले में सुनवाई हुई। इन जलस्रोतों के ग्रीन बेल्ट और किनारे पर किए गए अतिक्रमण और उसमें मिल रहे सीवेज के मामले में बेंच के पिछले आदेश का पालन करते हुए राज्य सरकार ने बुधवार को 512 पेज की रिपोर्ट बेंच में पेश की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कलियासोत डैम किनारे 96 और कैरवा डैम किनारे 33 अतिक्रमण मिले हैं, वहीं ज्यादातर कब्जे सरकारी जमीन पर हैं। कब्जाधारियों को इस मामले में 11 सितंबर को नोटिस दिया गया है।
पैनाल्टी को माफ किया जाए
इससे पहले सुनवाई में राज्य सरकार ने कहा कि चूंकि, बेंच ने मुख्य सचिव मप्र शासन पर 5 लाख रुपए की पैनाल्टी लगाई है, किंतु दूसरे विभागों के आफिसर इंचार्ज और सरकारी वकील की गलती के कारण वे जबाव नहीं दे सके थे। इन अधिकारियों में नगर निगम के चीफ टाउन एंड कंट्री प्लानर नीरज आनंद और एमपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी ब्रजेश शर्मा भी अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह निभाने में फेल रहे। इस लिए उक्त पैनाल्टी को माफ किया जाए।
कोई आदेश जारी नहीं हुए
यदि बेंच इस पैनाल्टी को माफ नहीं करेगी, तब यह जुर्माना तत्समय भुगतान किया जाएगा। हालांकि, पूरी उम्मीद है कि पैनाल्टी माफ हो जाए, लेकिन रात 8 बजे तक इस मामले में ऐसे कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं।
निरीक्षण के बाद कमेटी ने की है यह अनुशंसा
कमेटी सदस्यों ने निरीक्षण के बाद अनुसंशा की है, जिसमें कहा है कि केरवा डैम के 33 मीटर ग्रीन बेल्ट में 79.022 हेक्टेयर और कलियासोत नदी के किनारे 82.55 हेक्टेयर क्षेत्र आता है। यह बफर जोन के रूप में है। कलियासोत डैम की बाउंड्री पर 123 पिलर लगे थे, जिनमें से वर्तमान में 64 पिलर टूटे पाए गए हैं। यानि अतिक्रमण किया गया है। वर्तमान में 679 पिलर कलियासोत डैम के चिहंकन और सीमांकन के लिए लगाए जाएंगे। इनमें से 227 पिलर अब तक लगाए जा चुके हैं, जबकि 452 पिलर अक्टूबर 2023 तक पूरे लगा दिए जाएंगे। सीमेंट और कांक्रीट के इस्तेमाल से लगाए जाने वाले पिलर्स के साथ ही सीमांकन और चिहंकन के लिए जीयो टैंगिंग भी होगी।
इस कमेटी ने बनाई रिपोर्ट
राज्य सरकार की ओर से बेंच को बताया गया है कि केरवा और कलियासोत नदी के ग्रीन बेल्ट और उसमें मिल रहे सीवेज का मौका निरीक्षण के लिए 6 सदस्यीय राज्य स्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में प्रमुख सचिव राजस्व, प्रमुख सचिव जल संसाधन, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग और एमपीपीसीबी के सदस्य सचिव के साथ ही वन विभाग के पीसीसीएफ तथा जिला कलेक्टर शामिल हैं। इन्होंने 22 अगस्त 2023 से 8 सितंबर 2023 के बीच मौके का निरीक्षण किया और विभिन्न विंदुओं पर अनुशंसा की है।
केरवा में मिल रहा सीवेज
केरवा रिजर्ववायर के संबंध में जांच कमेटी ने पाया है कि पूर्व में लगाए गए कोई भी पिलर तालाब की सीमा में नहीं हैं। सभी मौके से गायब हैं। अब एनजीटी के आदेश पर केरवा डैम के चिहंकन और सीमांकन के लिए कुल 1080 पिलर लगेंगे। इनमें से 330 सीमेंट के लग चुके हैं, जबकि 750 पिलर्स अक्टूबर तक लग जाएंगे।
अतिक्रमण पर यह है रिपोर्ट
अतिक्रमण के संबंध में समिति ने कहा है कि कुल 96 अतिक्रमण कलियासोत डैम किनारे मिले हैं। इनमें से 84 सरकारी जमीन पर हैं, 12 अतिक्रमण निजी भूमि पर हैं। वहीं, केरवा रिजर्ववायर के किनारे कुल 33 अतिक्रमण मिले हैं। इनमें से 18 सरकारी जमीन पर और 15 निजी भूमि पर किए गए हैं। दोनों जलस्रोतों के किनारे किए अतिक्रमणकारियों को 11 सितंबर को नोटिस दिया गया है।
दोनों जल स्रोत मिले प्रदूषित
जांच समिति ने पाया कि कलियासोत का पानी ए से बी कैटेगिरी का है, जबकि केरवा का पानी बी कैटेगिरी का पाया गया है। सामान्यत: यह पानी नहाने धोने में काम आता है। वहीं कलियासोत में कुल 4 जगह से अनट्रीडेट सीवेज मिल रहा है। केरवा रिजर्ववायर में मेंडोरा और मेंडोरी गांव से कई स्थानों पर अनट्रीटेड सीवेज मिल रहा है। इसे ठीक करने के लिए अब एसटीपी लगाए जाएंगे। इसके साथ ही ग्रीन बेल्ट में प्लांटेशन का कार्य सितंबर 2024 तक पूरा किया जाएगा।
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