Bhopal News : मित्तल इंस्टीट्यूट के नए ड्रेस कोड पर विवाद उधर हॉस्टल के छात्र थाली लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे

Bhopal News : मित्तल इंस्टीट्यूट के नए ड्रेस कोड पर विवाद उधर हॉस्टल के छात्र थाली लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे
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राजधानी के मित्तल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी के छात्रों के लिए तैयार ड्रेस कोड विवाद का कारण बन रहा है।

भोपाल। राजधानी के मित्तल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी के छात्रों के लिए तैयार ड्रेस कोड विवाद का कारण बन रहा है। यहां कॉलेज में छात्रों को कुमकुम का टीका लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यानी कोई भी छात्र कुमकुम टीका लगाकर परिसर में प्रवेश नहीं कर सकता है। कॉलेज के इस फरमान पर कई सामाजिक संस्थाओं ने विरोध दर्ज कराया है।

मामले को लेकर संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि सनातन संस्कृति सभ्यता के अनुसार यह सरासर गलत है। मित्तल कॉलेज इस ओर ध्यान दें। यदि इसमें सुधार नहीं होता है तो संस्कृति बचाओ मंच उग्र प्रदर्शन करेगा। इस प्रकार की तालिबानी मानसिकता के लोग हमारी सनातन संस्कृति और सभ्यता को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं।

निष्पक्ष जांच होनी चाहिए

सामाजिक कार्यकर्ता अभिलाष ठाकुर ने बताया कि हमारी सांस्कृतिक प्रथाओं को साथ लेकर भी अध्ययन-अध्यापन किया जा सकता है। तिलक लगाने या कलावा बांधने से पाठन में कैसी बाधा?, यदि किसी शिक्षक या संस्थान को इससे आपत्ति है तो वह पढ़ाना छोड़ें, संस्थान बंद कर दें और अपनी दिमागी कुंठा का उपचार कराएं। अन्यथा विद्यार्थियों की धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं की विरोधी मानसिकता वाले संस्थानों में ताले डाल दिए जाएंगे।

एनएसयूआई मप्र प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने कहा कि मित्तल इंस्टीट्यूट द्वारा कुमकुम टीका इत्यादि लगा कर आने पर ड्रेस कोड के नाम पर प्रतिबंध लगाया गया है उसकी भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन निंदा करता है। किसी की भी धार्मिक भावनाएं आहत करना किसी भी धर्म से जुड़ी मान्यताओं को दरकिनार करने का आदेश पारित करना, किसी भी शैक्षिक संस्था के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, यह मात्र छात्र समुदाय के बीच सांप्रदायिक सौहार्द को खराब करने की सोची समझी साजिश हैं, निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

तीन महीने से नहीं मिली मेस की राशि, सोने के लिए नहीं है बेड

अयोध्या बायपास स्थित अनुसूचित जाति छात्रावास के छात्र गुरुवार दोपहर कलेक्टोरेट परिसर में थाली लेकर पहुंचे। उन्होंने थालियां बजाकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि तीन माह से उन्हें भोजन के लिए राशि नहीं मिली है। सोने के लिए बेड और पढ़ने के लिए मेज भी नहीं है। जिससे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन्होंने कलेक्टर के नाम ज्ञापन भी सौंपा। इधर, बच्चों के प्रदर्शन के बाद शासन ने हॉस्टल के मेस संचालन के लिए राशि जारी कर दी है। ज्ञापन में कहा कि वे अनुसूचित जाति महाविद्यालय छात्रावास रजत नगर के छात्र हैं। उनके हॉस्टल में तीन माह से शुद्ध खाना और पानी नहीं मिल रहा है।

जब इस मामले की सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की थी, जिसको लेकर हॉस्टल अधीक्षक ने उन पर शिकायत बंद करने के लिए दबाव बनाया, जब हम लोगों ने शिकायत बंद नहीं की, तो हमारा खाना बंद कर दिया गया। ये छात्र पिछले दो दिन से छात्रावास परिसर में भूख हड़ताल कर रहे हैं। उनकी मांग है कि हॉस्टल के वॉर्डन संजय गौतम को पद से हटाया जाए और छात्रावास में नए वार्डन को प्रभार दिया जाए।

दुकानदार उधार देने को तैयार नहीं

अधीक्षक ने बुधवार को हॉस्टल में सूचना चस्पा कर दी कि तीन माह से मेस संचालन की राशि प्राप्त नहीं होने के कारण मेस व्यवस्था बंद करना पड़ रही है। हॉस्टल की मेस राशि के लिए चौथा महीना स्टार्ट हो गया है, लेकिन अब तक राशि प्राप्त नहीं हुई है। बाजार में कोई भी दुकानदार उधार देने से मना कर रहे हैं। तीन महीनों से अपने वेतन से मैस का संचालन कर रहे थे, लेकिन अब संभव नहीं है।

एक छात्र के भोजन पर 1350 रुपए खर्च

हॉस्टल में रहने वाले छात्र को 1500 रुपए दिए जाते हैं। इसमें 90 प्रतिशत राशि मेस और भोजन और 10 फीसदी राशि अन्य खर्च के लिए होती है। सहायक संचालक आदिवासी विकास सुधीर श्रीवास्तव का कहना है कि बजट और बिल जारी नहीं होने के कारण कुछ अव्यवस्था हो गई थी, शाम कोबजट जारी हो गया है।शुक्रवार से कोई दिककत नहीं होगी।

- बजट बढ़ाने की जरूरत

राज्य सरकार को छात्रावास के संचालन बजट को बिना किसी रुकावट के तत्काल जारी करना चाहिए। साथ ही इस बजट को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। ताकि हर छात्र भरपेट खाना खा पाए।

- दीपक पासवान, प्रदेश उपाध्यक्ष स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया

आयोग ने दिए कलेक्टर को जांच के निर्देश, 7 दिन में रिपोर्ट तलब

राजधानी भोपाल के रजत नगर स्थित महाविद्यालय अनुसूचित जाति छात्रावास में बजट खत्म होने की वजह से छात्रों को व्यवस्थित भोजन नहीं मिल पाने के मामले में मप्र मानव अधिकार आयेाग ने संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने कलेक्टर, को प्रकरण की जाॅच कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही की गई कार्यवाही के सम्बन्ध में 7 दिन के भीतर प्रतिवेदन भी मांगा है। वहीं दूसरा मामला शादीशुदा महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का है। आयोग के संज्ञान में आया है कि नजीराबाद थानाक्षेत्र में एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उसकी लाश कुए में मिली है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, भोपाल (देहात) सेे जांच कराकर की गई कार्यवाही के सम्बन्ध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

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