Bhopal News : नए कलेक्टोरेट भवन निर्माण को लेकर एनजीटी में सुनवाई

भोपाल। राजधानी की प्रोफेसर कॉलोनी में बनने वाले नए कलेक्टोरेट भवन के निर्माण को लेकर गुरुवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान एनजीटी बेंच ने इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम बनाने के आदेश दिए हैं। इस कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर अगली सुनवाई में बेंच निर्णय दे सकती है, फिलहाल तब तक नए भवन निर्माण को लेकर अघोषित रूप से रोक रहेगी।
कमेटी बनाने के निर्देश दिए
याचिकाकर्ता नितिन सक्सेना के एनजीटी में वकील हर्षवर्धन तिवारी ने बताया कि प्रोफेसर कॉलोनी में छोटे तालाब से सटे एरिया में नए कलेक्टोरेट भवन के निर्माण के लिए सिया (स्टेट एन्वायामेंटल इंपेक्ट असेंसमेंट अथॉरिटी) ने अनुमति दी है। निर्माण की अनुमति देेने के लिए केवल बड़े तालाब के एफटीएल से दूरी यानि 33 मीटर दूरी का हवाला दिया गया, जबकि छोटे तालाब से यह कॉलोनी बिल्कुल सटी हुई है, जिसका जिक्र नहीं किया गया। इस लिए अब बेंच ने इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं।
500 करोड़ में बनेगी चार हाईटेक बिल्डिंग
प्रोफेसर कॉलोनी में नया कलेक्टोरेट भवन डेढ़ लाख स्क्वायर फीट में बनाया जाना है। इसमें चार हाइटेक फाइव जी बिल्डिंग बनाए जाने की बात सामने आई है। नए कलेक्टोरेट, पुल व अन्य बंगले भी बनाए जाने हैं। यह पूरा प्रोजेक्ट करीब 500 करोड़ का है। रीडेंसिफिकेशन के तहत इसका निर्माण किया जाएगा। कलेक्टोरेट को यहां शिफ्ट करने से पहले तीन जगहों पर प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन फाइनल यह स्थान हुआ है।
यह होंगे कमेटी में सदस्य
स्टेट लेबल कमेटी में सिया( State Environmental Impact Assessment Authority), एमओईएफ (पर्यावरण और वन मंत्रायल), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल तथा स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी भोपाल के एक-एक सदस्य होंगे, जो अगली सुनवाई में जांच रिपोर्ट पेश करेंगे। इसके लिए 6 हफ्तों का समय दिया गया है। अब इस मामले की सुनवाई 21 नवंबर 2023 को होगी।
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