Bhopal News : अब नहीं चलेगी मोनोपॉली, तीन दुकानों से मिलेगा स्कूल का कोर्स, बिना अटैच वाले वाहनों का देना पड़ेगा रिकार्ड

भोपाल। स्कूलों को खुले हुए दो हफ्ते का समय बीत गया है। आधे से अधिक पैरेंट्स ने बच्चों के कोर्स भी ले लिए हैं। जिन स्कूलों ने मोनोपॉली अपनाते हुए एक ही दुकान से कोर्स दिलवाया है,अब उनकी मनमानी नहीं चलेगी। कम से कम तीन दुकानें तय करना पड़ेंगी। ऐसा नहीं करने पर स्कूल और दुकान संचालक पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। जो बस, वैन और ऑटो स्कूलों में अटैच नहीं हैं, उनका रिकार्ड भी स्कूल प्रबंधक को रखना पड़ेगा। अटैच वाहनों की नियमित जांच की जाए, जिससे बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखा जा सके।
एडीएम हरेंद्र नारायण भी उपस्थित थे
ये बात शुक्रवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने कलेक्टोरेट में निजी स्कूल संचालकों की बैठक में कही। कलेक्टर ने कहा कि जो बसें स्कूल से अटैच हैं, इसके अलावा कई बच्चे ऐसे वाहनों से भी आते हैं, जो अटैच नहीं हैं। अभिभावकों की तरफ से लगाए गए हैं। ऐसे वाहनों की लिस्ट स्कूल संचालकों को रखनी है, जरूरत पर प्रशासन को देनी है।बैठक में एडीएम हरेंद्र नारायण भी उपस्थित थे।
आज से होगी बसों की जांच
कलेक्टर ने सभी स्कूल बसों की जांच के निर्देश आरटीओ और पुलिस को दिए हैं। बसों की फिटनेस जांच भी होगी। बस में महिला कंडक्टर भी जरूरी है, सीसीटीवी कैमरे स्कूल के कंट्रोल रूम से अटैच रहें।
एसडीएम करेंगे दुकानों की जांच
सभी एसडीएमअपने क्षेत्रों में इसके लिए जांच समिति बनाकर जांच कराएं। कहीं किसी एक दुकान पर मोनोपॉली चल रही है तो उसकी जांच की जाए। अभिभावकों से कोई शिकायत आए तो उसे गंभीरता से लें।
यहां कर सकते हैं शिकायत
अगर कोई स्कूल संचालक या दुकानदार आप पर स्कूल ड्रेस या किताबों को लेकर दबाव या कोई और समस्या हो तो आप 0755-2992405 पर शिकायत कर सकते हैं। ये डीईओ कार्यालय का नंबर है।
गड़बड़ी मिली तो धारा-144 में कार्रवाई करेंगे
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि निजी स्कूल संचालकों से साफ कहा है कि एक दुकान की मोनोपॉली नहीं रहनी चाहिए। कम से कम तीन दुकानों पर किताबें और ड्रैस की व्यवस्था हो। बच्चों की जिम्मेदारी स्कूल की है। ऐसे में उनको लाने और ले जाने वाले वाहनों की फिटनेस के निर्देश दिए हैं। कोई स्कूल प्रबंधन दबाव बनाता है तो उस पर धारा-144 में कार्रवाई की जाएगी।
यह भी दी हिदायत
छोटे बच्चों को लेकर कलेक्टर ने साफ कहा कि छोटे बच्चों को अभिभावकों के सुपुर्द किया जाए। कोई भी वाहन चालक उन्हें ऐसे ही सड़क पर न छोड़ें। इसका पालन कराने की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होगी। बस में चलने वाले सभी स्टाफ की जानकारी और आईडी कार्ड अनिवार्य रूप से रखा जाए।
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