bhopal over bridge : 26 करोड़ में बना करोंद रेलवे ओवर ब्रिज शुरु, पांच लाख की आबादी को फायदा

भोपाल। आरिफ नगर से करोंद जाने के लिए करोंद रेलवे फाटक और अंडरब्रिज से निकलने की परेशानी से शुक्रवार को निजात मिल गई। दरअसल अंडरब्रिज में पानी भरने से वाहन चालकों को दो किमी का चक्कर लगाकर जाना पड़ता था। जिसके लिए तीन साल पहले करोंद रेलवे ओवर ब्रिज का काम शुरु किया गया। छह महीने पहले ब्रिज का अस्सी फीसदी काम हो गया था, लेकिन कृषि मंडी से देवकी नगर क्रासिंग पर टॉवर लाइन की वजह से काम अटका हुआ था। टॉवर लाइन शिफ्ट होने के बाद काम में तेजी आई और शुक्रवार को मंत्री विश्वास सारंग ने ब्रिज का लोकार्पण कर लोगों के लिए खोल दिया। ब्रिज के शुरु होने से पांच लाख की आबादी को राहत मिलेगी। यह ब्रिज 26 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है।
ट्रैफिक की समस्या हल
करोंद रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी बनने से ट्रैफिक की समस्या हल हो गई है। रेलवे क्रॉसिंग से करोंद की ओर कृषि उपज मंडी और दूसरी ओर आरिफ नगर-डीआईजी बंगला क्षेत्र स्थित है। रेलवे क्राॅसिंग के चलते यहां वाहनों की आवाजाही में दिक्कत होती थी। आरओबी के निर्माण से लोगों को रेलवे क्रॉसिंग पर बार-बार लगने वाले ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी। वहीं करोंद क्षेत्र के आसपास हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, नवीन नगर, बैरसिया रोड, डीआईजी बंगला, कैंची छोला, काजी कैंप सहित आसपास के इलाकों से प्रतिदिन आने-जाने वाले लगभग 5 लाख लोगों को इस आरओबी से फायदा मिलेगा। इसके अतिरिक्त करोंद चौराहे से कृषि उपज मंडी तक लगभग 10 करोड़ की लागत से निर्मित स्मार्ट सड़क के मुख्य चौराहे पर यात्रियों का आवागमन आसान हो जाएगा।
बीस करोड़ की लागत से बने 100 बेड वाले अस्पताल का लोकार्पण
आनंद नगर हथाईखेड़ा में 2 एकड़ में 20 करोड़ रुपए की लागत से 100 बेड का सरकारी अस्पताल बनकर तैयार हो गया है। शुक्रवार को गोविंदपुरा क्षेत्र की विधायक कृष्णा गौर ने अस्पताल भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि हथाईखेड़ा मेंं 100 बिस्तरों का अस्पताल बाबूजी बाबूलाल गौर का का एक बड़ा सपना था। लोकार्पण के बाद यहां मरीजों को सुविधाएं मिलना आरंभ हो गई है। इस अस्पताल के बनने से करीब 5 लाख से ज्यादा की आबादी को लाभ मिलेगा। अब इलाज के लिए 10 से 20 किमी दूर जाना नहीं पड़ेगा। इस क्षेत्र के कई गांवों के लोग प्राइवेट नर्सिंग होम में महंगा इलाज करा रहे हैं। साथ ही उन्हें 10 से 20 किमी दूर हमीदिया और जेपी जाना पड़ता था, जिससे रहवासियों को बड़ी राहत मिलेगी।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS