भोपाल रेल मंडल के एडीआरएम गौरव सिंह पर लगाया दुष्कर्म का झूठा आरोप, उच्च न्यायालय केस किया खारिज

भोपाल। भोपाल रेल मंडल के एडीआरएम गौरव सिंह पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने वाली महिला ने अपने पति की प्रताड़ना से तंग आकर एवं वैवाहिक जीवन बचाने के लिए दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाया था। सात मई 2022 को सामने आए इस मामले में रेलवे की काफी किरकिरी हुई थी। जिसके बाद एडीआरएम का तबादला कर दिया गया था। उच्च न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई के बाद 24 जनवरी को केस खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि महिला के अपने पति से शुरूआत से संबंध खराब थे जिसकी शिकायत उसने हरदा एवं होशंगाबाद पुलिस में दर्ज करवाई थी।
महिला के पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति संबंधित प्रकरण में उसका संपर्क एडीआरएम भोपाल गौरव सिंह से हुआ था जिसके बाद रेलवे में महिला को नौकरी प्राप्त हुई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि भोपाल रेलवे स्टेशन के रिटायरिंग रूम में रुकवा कर एडीआरएम ने उसके साथ गलत काम किया लेकिन सुनवाई के दौरान सबूत प्रस्तुत नहीं किए। उच्च न्यायालय ने गोविंदपुरा पुलिस एवं होशंगाबाद पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब महिला पहले से अपने पति के खिलाफ मारपीट एवं दुर्व्यवहार की शिकायत कर रही थी तो उस मामले में कार्रवाई नहीं की गई।
इसके विपरीत महिला ने पति के दबाव में जैसे ही एडीआरएम पर दुष्कर्म का आरोप लगाया तो तत्काल रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया। न्यायालय ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि एडीआरएम को उनके वरिष्ठ पद की वजह से प्रताड़ित करने का प्रयास किया गया है इसलिए याचिका खारिज की जा रही है।
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