Bhopal Red Bus News: वर्चस्व की जंग में फोड़े जा रहे लाल बसों के कांच

भोपाल। नगर निगम सीमा से बाहर 25 किलोमीटर के दायरे में कुल 112 सिटी बसें दौड़ती हैं। इनमें सबसे ज्यादा 46 बसें इंडस्ट्रियल एरिया मंडीदीप तक चलाई जाती हैं। सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाला रूट भी यही है। एक दिन में एवरेज 40 हजार लोग बसों में सफर करते हैं, लेकिन इन बसों में आए दिन पत्थरबाजी होने से इन बसों के संचालन पर संकट खड़ा हो गया है। निजी सिटी बसों के संचालक चाहते हैं कि बीसीएलएल की बसें बंद कर दी जाएं। क्योंकि हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि भोपाल नगर निगम सीमा के बाहर बस चलाने के लिए गजट में नोटिफिकेशन का प्रकाशान होना जरूरी है। इस संबंध में बीसीएलएल अधिकारियों का कहना है कि उनके पास अभी कोई आदेश नहीं आया है। आदेश आने के बाद बसों का संचालन बंद कर देंगे, लेकिन निजी बस संचालकों के कहने पर बसों का संचालन बंद नहीं किया जा सकता है। आदेश अगर आता है तो वो अपना पक्ष हाइकोर्ट में रखेंगे।
डेढ़ सौ से ज्यादा बसें टर्मिनल में खड़ीं
शहर में चल रहीं सौ से ज्यादा बसों में से बीसीएलएल की डेढ़ सौ से ज्यादा बसें पुरानी, खटारा होने व कांच फूटने से गोदाम व टर्मिनल में खड़ी हुई हैं। इसके बाद कांच फूटने से आ रहीं बसें अलग हैं।
लोगों को पसंद पर निजी बस वाले कर रहे विरोध
बीसीएलएल के अनुसार मंडीद्वीप के यात्री लाल बसो में ही सफर करना चाहते हैं। निजी बस संचालकों को इय बात अच्छी नहीं लग रही है। इसलिए वो पूर्व की अपना वर्चस्व बनाए रखना चाहते हैं। इस वर्चस्व की लड़ाई में ही रोजाना ही लाल बसों के कांच फोड़े जा रहे हैं।
इस लड़ाई में ही बंद हुई सूखी सेवनिया की बस
निजी बस संचालकों द्वारा लाल बसों के चालक और परिचालक को परेशान किया जा रहा है। एफआईआर के बाद ये धौंस देते हैं कि अब भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाए। इस कारण अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय सूखी सेवनियां, आरएएफ कैंप बंगारसिया भोजपुर तक जाने वालीं 2 दर्जन बसें पहले ही बंद कर दी गईं हैं।
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