हरी सब्जियों और फलों के सैंपल लेने में भोपाल का खाद्य अमला लापरवाह, जानिए 6 माह में लिए कितने सैंपल, अब क्यों बंद है जांच

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी में हरी सब्जियों और फलों के सैंपल लेने में खाद्य अमला लापरवाही बरत रहा है। पिछले छह माह में सिर्फ 20 सैंपल लिए गए है। इधर, राजधानी सहित प्रदेश भर से सब्जियों व फलों के जो सैंपल लेबोरेटरी में आ रहे हैं, उनकी भी जांच नहीं हो रही है। जांच करने के लिए केमिकल ही नहीं है। यह स्थिति गत तीन माह से बनी हुई है।
वीडियो वायरल होते ही दिए थे निर्देश
करीब आठ माह पहले हमीदिया रोड पर गंदे पानी से सब्जी धोने का वीडियो वायरल हुआ था। इस मामले में कलेक्टर अविनाश लवानिया के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद सब्जियों के सैंपल लेने की हिदायत दी गई थी, लेकिन अब तक सब्जियों की सपलिंग नहीं की गई है।
इस तरह हो रही फलों और सब्जियों में मिलावट
केला- जल्द पकाने के लिए काबाईड का इस्तेमाल किया जाता है। इससे एलर्जी और न्यूरोलॉजिकल समस्या हो सकती है।
सेब - चमक बढ़ाने के लिए वैक्स का इस्तेमाल किया जाता है। इससे आंतों में छाले और कैंसर होने का खतरा रहता है।
करेला और मटर- हरा करने के लिए मैलेकाइट का इस्तेमाल। इससे लिवर, आंत और किडनी को नुकसान होता है।
- टमाटर - लाल रंग बढ़ाने के लिए जीए-3 का प्रयोग किया जाता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
-लौकी और गिल्की- आकार बढ़ाने के लिए आॅक्सीटोसिन का इस्तेमाल। नपुसंकता के शिकार हो सकते हैं।
- फलों-सब्जियों की नहीं मिली शिकायत
अफसर का यह तर्क
काफी लंबे समय से सब्जियों व फलों के सैंपल नहीं लिए गए हैं। कारण है कि हमे कोई शिकायत नहीं मिल रही है। चलित प्रयोगशाला में जरूर हरी दिखने वाली सब्जियों की जांच की जा रही है। जहां तक सेब की बात है तो इसकी जांच भी नहीं हुई है।
देवेन्द्र दुबे, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS