बड़ी खबर : मेडिकल कॉलेज में 92 नवजात शिशुओं की मौत, कटघरे में प्रबंधन

सागर। मध्यप्रदेश के सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज से सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां बीते अप्रैल में शुरू किए गये नवजात शिशुओं के इलाज़ के लिए पीडियाट्रेक गहन चिकित्सा ईकाई और एनआईसीयू, एसएनसीयू में इलाज़ के लिए भर्ती नवजात शिशुओं के मौत के आंकड़े चौकाने वाले आए हैं। इसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन कटघरे में खड़ा दिखाई दे रहा है और उसकी चिकित्सीय सेवाओं पर सवालिया निशान लग रहा है।
बीते तीन माह मे यहां भर्ती 92 बच्चों की मौत होने की जानकारी के वायरल होने के बाद खलबली मच गई है। इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन अब बचाव की मुद्रा में नज़र आ रहा है और मौत के कारणों को लेकर अपना ही राग अलाप रहा है।
मध्यप्रदेश के शहडोल में बच्चों की मौत के मामले की जांच अभी पूरी ही नहीं हुई थी कि अब बुन्देलखण्ड के सागर मेडीकल कॉलेज में उसी तर्ज पर नवजात शिशुओं की मौत का बढ़ा आंकड़ा निकलकर सामने आया है। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के SNCU और NICU वार्ड में पिछले तीन महीनों में भर्ती 92 नवजातों की इलाज के दौरान मौत हुई है।
मृत्यु दर सामान्य से दोगुनी यानि 32 प्रतिशत पर पहुंच चुका है। सिर्फ नवंबर माह में ही 37 नवजातों की मौत हो चुकी है, अक्टूबर में 32 और सितंबर में 23 नवजातों की जान नहीं बचाई जा सकी। बुंदेलखंड मेडिकल कालेज प्रबंधन के डीन डॉ. आर एस वर्मा ने भी मौत की संख्या में इजाफा की बात स्वीकार की है। हालांकि वे इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रंबधन का बचाव कर भर्ती बच्चों के परिजनों पर दोष मढ़ते नजर आये।
उन्होंने बच्चों के परिजनों पर इलाज़ के लिए देरी से अस्पताल लाने के बात कहते हुए मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया।
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