बड़ी खबर- चुनाव आयोग ने कमलनाथ से छीना स्टार प्रचारक का दर्जा, विवादित बयान देने पर कसी लगाम

बड़ी खबर- चुनाव आयोग ने कमलनाथ से छीना स्टार प्रचारक का दर्जा, विवादित बयान देने पर कसी लगाम
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चुनाव प्रचार में लगातार आपत्तिजनक बयानों को आधार बनाकर उन पर ये कार्रवाई की गई। पढ़िए पूरी खबर-

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव को लेकर प्रदेश भर में सियासी माहौल गर्म है। उपचुनाव के प्रचार के लिए सभी पार्टियों के नेता भरपूर कोशिश कर रहे हैं। वहीं प्रभार के दौरान बीजेपी नेताओं के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करना पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को भारी पड़ गया है। चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनसे स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया है। चुनाव प्रचार में लगातार आपत्तिजनक बयानों को आधार बनाकर उन पर ये कार्रवाई की गई है।

चुनाव आयोग के मुताबिक, प्रचार के लिए की गई पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की हवाई यात्रा का खर्च प्रत्याशी के खाते में ही जुड़ेगा। वैसे स्टार प्रचारक के प्रचार का खर्च पार्टी के खाते में जुड़ता है, प्रत्याशी पर भार नहीं आता है। लेकिन कमलनाथ की अमर्यादित भाषा को लेकर आयोग ने उम्मीदवार पर खर्च डाल दिया है।

बता दें कि डबरा में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी प्रत्याशी और मंत्री इमरती देवी पर तंज कस रहे थे। कमलनाथ डबरा में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के समर्थन में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने डबरा से बीजेपी की प्रत्याशी इमरती देवी पर तंज कसते हुए कहा कि आप तो उसे मुझसे ज्यादा पहचानते हैं, आपको मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था। ये क्या आइटम है। इतना कहते ही कमलनाथ मुस्कुरा गए, तो जनता ने भी तालियां बजाते हुए ठहाके लगाने शुरू कर दिए। कमलनाथ ने इमरती देवी को जलेबी भी कहा था।

चुनाव आयोग ने भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय को भी चेतवानी देते हुए आज कहा कि कांग्रेस नेताओं दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के खिलाफ बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय द्वारा की गई ''चुन्नू-मुन्नू'' टिप्पणी, चुनाव संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन है। साथ ही, आयोग ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता को आचार संहिता की अवधि के दौरान सार्वजनिक तौर पर ''इस तरह के शब्दों'' का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी। आयोग ने 26 अक्टूबर को बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय को एक नोटिस जारी किया था और जवाब देने को कहा था। नोटिस के अनुसार, इंदौर के सांवेर में 14 अक्टूबर को एक चुनावी रैली में दोनों कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दिए गए बयान को आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाला पाया गया है।

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