Omkareshwar Temple: भक्तों के लिए बड़ी खबर ! ओंकारेश्वर मंदिर में सुबह 9 बजे के बाद जल और बेलपत्र चढ़ने पर लगा प्रतिबंध, जानें वजह

खंडवा : गुरूपूर्णिमा पर्व और सावन माह में अधिकतर मंदिरों में भक्तों की संख्या ज्यादा हो जाती है। खास तौर पर ज्योतिर्लिंग वाले ओमकेश्वर और महाकालेश्वर मंदिरों में महादेव के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का ताता लग जाता है। जिसको देखते हुए प्रशासन द्वारा एक बड़ा कदम उठाया गया है। जिसके अनुसार ओंकारेश्वर मंदिर में सुबह नौ बजे के बाद जल और फूल-बेलपत्र चढ़ाने पर प्रतिबंद लगा दिया गया है।
4 जुलाई से 11 सितंबर तक मंदिर में बदली दर्शन व्यवस्था
बता दें कि मंदिर प्रशासन द्वारा ये कदम भक्तों की सुरक्षा को देखते हुए उठाया गया है। 4 जुलाई से 11 सितंबर तक के लिए यह आदेश जारी किया गया है। जिसके तहत भक्त सिर्फ मंदिर में पूजा कर सकते है। लेकिन जल और फूल-बेलपत्र नहीं चढ़ा पाएंगे। विगत दिनों नर्मदा नदी के कोटीतीर्थ और चक्रतीर्थ घाट पर श्रद्धालुओं की नहाने के दौरान नदी में डूबने से मृत्यु की घटनाएं हुई हैं। जिसको लेकर ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं के स्नान और नाव संचालन, मंदिर में प्रवेश, पूजन व्यवस्था को लेकर जरूरी निर्देश दिए गए हैं। सावन माह तक यही व्यवस्था लागू रहेगी। ताकि भक्तों को दर्शन के दौरान किसी तरह की तकलीफ न हो साथ ही सकुशल पूजा अर्चना कर सके।
जानें किन किन चीज़ो पर लगा प्रतिबंध
= निकासी द्वार से प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
= श्रीजी मंदिर गर्भगृह में प्रातः नौ बजे के बाद जल- बेलपत्र और फूल चढ़ाना और पंडे-पुजारियों का श्रद्धालुओं के साथ प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
= पुलिस चौकी के पास वाले द्वार से विशेष अतिथि एवं विकलांग बुजुर्ग व्यक्ति ही प्रवेश करेंगे पंडे पुजारी अनावश्यक रूप से वहां पर भीड इकट्ठा नहीं करें।
= विशेष दर्शन टिकट दर्शनार्थियों को ही दिया जाएगा। झूला पुल और पुराने पुल वाली दर्शनार्थियों की लाइन के पास पंडे-पुजारियों को खड़ा रहना प्रतिबंधित रहेगा। पंडे-पुजारी अनावश्यक रूप से यात्रियों को लाइन से नहीं निकालेगे।
= दान काउंटर हाल में अभिषेक पूजन कराना प्रतिबंधित रहेगा। अभिषेक-पूजन निर्धारित अभिषेक हाल में ही होगा।
= मंदिर प्रांगण में बिना अनुमति बैठना प्रतिबंधित रहेगा।
= झूलापुल पर प्रवेश द्वार से प्याऊ और मंदिर तक भिक्षुक, फूल- बेलपत्र, प्रसाद, चंदन टीका लगाने वालें, प्रसाद बेचने वालें, फोटोग्राफर का बैठना प्रतिबंधित रहेगा। यही नियम पुराने पुल पर भी लागू रहेगा।
= शनिवार, रविवार और सोमवार को कोटीतीर्थ घाट,चक्रतीर्थ घाट पर नाव का संचालन प्रतिबंधित रहेगा। शेष दिनों में नाव से सवारियों को मात्र इन घाटों पर छोडा जा सकेंगा। नाव संचालन वन-वे रहेगा।
जानें क्या है महत्व
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ज्योतिर्लिंग मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में चैथे स्थान पर माना जाता है। इस ज्योतिर्लिंग की सबसे अनूठी बात यह है कि यहां दो ज्योतिस्वरूप शिवलिंग श्री ओंकारेश्वर और श्री ममलेश्वर हैं. ये दोनों ही शिवलिंग या ज्योतिर्लिंग नदी के दो अलग-अलग किनारों पर स्थित हैं. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के किनारे मन्धाता स्थित है।
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