स्वास्थ्य विभाग में बड़ा घोटाला, विधायक ने किया खुलासा

स्वास्थ्य विभाग में बड़ा घोटाला, विधायक ने किया खुलासा
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स्वास्थ्य सामग्री की खरीदी के लिए विधायक निधि से दी गई 25 लाख की राशि में बड़ा घोटाला सामने आया है. विधायक ने प्रेस कांफ्रेंस कर खुद दस्तावेज जारी किये हैं. मामले को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के समक्ष रखे जाने की बात भी कही. पढ़िए पूरी खबर-

आगर मालवा. कोरोना काल में स्वास्थ्य सामग्री की खरीदी के लिए सुसनेर विधायक राणा विक्रमसिंह के द्वारा विधायक निधि से दी गई 25 लाख की राशि में घोटाले का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. मामले में विधायक राणा विक्रसमिंह ने प्रेस कांफ्रेस बुलाकर इससे जुड़े सभी दस्तावेजों को पेश किया और एक बार फिर खरीदी से जुड़े जिम्मेदारों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. इस पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर मामले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष रखे जाने की भी बात कही है.

विधायक राणा विक्रमसिंह ने बताया कि उन्होंने 21 अप्रैल को स्वीकृति पत्र जिला कलेक्टर के नाम जारी कर सुसनेर विधानसभा के अस्पतालो में स्वास्थ्य सामग्री खरीदने की अनुंशसा की थी, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2 मई को राजमहल ट्रेड ग्रुप जबलपुर, सनराइजर इंटरनेशनल मेडिकल एंड सर्जिकल इंदौर और अतिंजल इनकारपोरेशन भोपाल की फार्मों से सामग्री खरीदी गयी थी. विधायक ने इन सामग्रियों को बाजार दर से अधिक राशि में खरीदने का आरोप लगाया है.

विधायक ने खरीदी से जुड़े दस्तावेजों में नोटशीट, स्वीकृति पत्रक, बिल व भुगतान के पत्रक जारी करते हुए बताया कि खरीदी की प्रशासकीय स्वीकृति में सी टाइप की जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर दी गई थी जबकि खरीदी से जुड़े अधिकारियों के द्वारा बी टाइप के जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे गए हैं, जिस खरीदी की प्रशासनिक स्वीकृति मिली ही नहीं वो सामग्री कैसे खरीदी गई. जारी की गई प्रशासनिक स्वीकृति में जिस सी टाइप सिलेंडर की स्वीकृति दी गई थी उसकी कीमत खुले बाजार में 8 हजार रूपये प्रति सिलेंडर है, जबकि उससे छोटे सिलेंडर 10 हजार 500 रूपये प्रति नग के मान से खरीदे गए, जो निर्धारित क्रय प्रक्रिया का उल्लंघन भी है. इसके साथ ही ऑक्सीमीटर, जिसकी कीमत बाजार में 1 हजार से 1200 रूपये है, उसकी कीमत 2 हजार रूपये बताई गयी है.इनफ्रारेट थर्मामीटर खुले बाजार में 1200 से 1400 रूपये में उपलब्ध है, उसकी कीमत 3050 रूपये प्रति नग बताई गयी है. ग्लूकोमीटर की कीमत 800 से 1 हजार रूपये है, उसे भी 1850 रूपये में खरीदा गया.ट्रिपल लेयर मास्क 1 से 2रूपये में आता है, उसे 5 रूपये 80 पैसे में खरीदा गया.

इस पूरे मामले का खुलासा सुसनेर में पहुंची एक्स-रे मशीन से हुआ था. दरअसल विधायक द्वारा डिजीटल एक्स-रे मशीन की खरीदी हेतु राशि जारी की गयी थी, अधिकारियों ने भी सभी कागज डिजिटल एक्स-रे मशीन के लिए ही बनाए थे और इसकी बिल करीब 3 लाख रूपये बताई गयी. जबकि सुसनेर अस्पताल में पहुंची मशीन साधारण थी और बाजार में इसकी कीमत 1 से डेढ लाख बताई जा रही है. मामला सामने आने के बाद मशीन को ताबड़तोड़ वापस कर दिया गया. उसके बाद पुरे खिरीदी की पड़ताल की गयी. विधायक ने कहा है कि यदि मामले में कोई कार्रवाई नहीं होती है तो फिर वे इस मामले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष रखेंगे और जो भी दोषी होगा उन पर सख्त कार्रवाई जाएगी.

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