बीजेपी के मंत्री ने साधा निशाना बोले , कांग्रेस ने मप्र में कभी ओबीसी का मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया

बीजेपी के मंत्री ने साधा निशाना बोले , कांग्रेस ने मप्र में कभी ओबीसी का मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया
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नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने एक बयान जारी कर कांग्रेस के ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिशों को ओबीसी वर्ग के शोषण की नई साजिश बताया है।

भोपाल। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने एक बयान जारी कर कांग्रेस के ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिशों को ओबीसी वर्ग के शोषण की नई साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने ही ओबीसी वर्ग को संवैधानिक आयोग का दर्जा दिया। त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनावों तथा नगरीय निकाय चुनावों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने के भाजपा सरकार के फैसलों को कांग्रेस ने जिस तरह अदालतों में उलझाने के हथकंडे अपनाए थे, उससे सिद्ध हो चुका है कि कांग्रेस ने अपने ओबीसी विरोध की मानसिकता को छोड़ा नहीं है।

बीजेपी मंत्री ने साधा निशाना बोले , कांग्रेस ने मप्र में कभी ओबीसी का मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया

मंत्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास है कि उसने अन्य पिछड़ा वर्ग के नेताओं को कभी शीर्ष और महत्वपूर्ण पदों पर नहीं रखा। कांग्रेस ने मप्र में कभी ओबीसी का मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया और ना ही इस वर्ग के किसी लीडर को विपक्ष का नेता बनाया गया है। आज भाजपा सरकार में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ओबीसी वर्ग से हैं। उन्होंने कहा कि वह कमलनाथ सरकार ही थी, जिसने विधानसभा में 8 जुलाई 2019 को मप्र लोकसेवा आरक्षण संशोधन विधेयक में यह भ्रामक और असत्य आंकड़ा प्रस्तुत किया कि अन्य पिछड़े वर्ग की मध्यप्रदेश में कुल आबादी सिर्फ 27 प्रतिशत है। यह कांग्रेस का वह असली ओबीसी विरोधी चेहरा है, जो मप्र की विधानसभा के दस्तावेजों में सदैव के लिए साक्ष्य बन गया है। मंत्री सिंह ने और उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने विधानसभा में यह संकल्प पारित कराया कि बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव नहीं होना चाहिए और इसके लिए सरकार अध्यादेश तक लेकर आई थी। लेकिन कांग्रेस ने हमेशा की तरह पूरे प्रकरण को न्यायालयीन प्रक्रिया में उलझाकर ओबीसी हितों को कुचलने का काम किया है।

नाथ बताएं, क्यों किया अन्याय?

मंत्री सिंह ने कहा कि कमलनाथ जी को बताना चाहिए कि जब जबलपुर हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के लिए सिर्फ तीन परीक्षाओं पर स्टे लगाया था, तब एक साल मुख्यमंत्री रहते हुए भी उन्होंने सारी परीक्षाओं और नियुक्तियों में 27 प्रतिशत के बजाए 14 प्रतिशत आरक्षण देकर ओबीसी वर्ग के अभ्यार्थियों के साथ अन्याय क्यों किया? मंत्री सिंह ने बताया कि ओबीसी समाज की आर्थिक उन्नित के लिए वेंचर केपिटल फंड बनाया। सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण भी मोदी जी ने दिया। शीर्ष अदालत ने नीट के आल इंडिया कोटे में 27 प्रतिशत आरक्षण को सही ठहराया। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के शासनकाल में एक भी ओबीसी के अभ्यर्थी को नौकरी नहीं मिली। सीधी भर्तियों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर हम मुख्यमंत्री चौहान के आभारी रहेंगे।

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