जयंत मलैया के अमृत महोत्सव पर भाजपा ने लिखी दमोह फतह की पटकथा, नाराजगी का पड़ सकता था असर

दिनेश निगम 'त्यागी'
भोपाल। पचहत्तर वर्ष की आयु पूरी होने पर दमोह में मना भाजपा के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया का अमृत महोत्सव यादगार रहा। विधानसभा के उप चुनाव के बाद भाजपा मलैया को नोटिस जारी कर चुकी थी और निलंबन के बाद उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया भाजपा छोड़ चुके थे। आयोजन की जवाबदारी भी सरकार से नाराज चल रहे पूर्व मंत्री अजय विश्नोई के कंधों पर डाली गई थी। संभावना थी कि मलैया के अमृत महोत्सव में भाजपा से नाराज लोगों का शक्ति प्रदर्शन होगा। पर हो गया उलटा। यहां मलैया की नाराजगी दूर करने की कोशिश तो हुई ही, दमोह जिला फतह करने की पटकथा भी लिख डाली गई। कार्यक्रम में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव एवं राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ सभी प्रमुख नेताओं ने शिरकत की।
सार्वजनिक मंच से मांनी गई गलती
भाजपा में आमतौर पर निर्णय लेने के बाद गलती स्वीकारने की परंपरा नहीं है, पर पहली बार भाजपा बदली नजर आई। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंच से कहा कि जयंत मलैया को दिया गया कारण बताओ नोटिस पार्टी की गलती थी। उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए मैंने भोपाल से लेकर दिल्ली तक विरोध किया लेकिन मेरी बात सुनी नहीं गई। विजयवर्गीय ने कहा कि मलैया जैसा तपस्वी कार्यकर्ता एक दिन में नहीं बनता, इसके लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन खपाया है। सिर्फ एक शिकायत पर उन्हें नोटिस नहीं दिया जाना चाहिए था। इसके लिए उन्होंने मंच से ही मलैया से माफी भी मांगी। ऐसा मलैया का गुस्सा शांत करने के लिए ही किया गया।
नेताओं ने बांधे मलैया की तारीफ में पुल
अमृत महोत्सव कार्यक्रम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित प्रमुख नेताओं ने संबोधित किया। सभी ने मलैया की तारीफ के पुल बांध दिए। बताया गया कि किस तरह मलैया ने विपरीत समय में भी भाजपा को खड़ा करने में भूमिका निभाई और अपने कामों की दम पर कांग्रेस की हवा में भी जीत दर्ज की। मंत्री रहते उनके द्वारा किए गए कार्यों की भी जमकर चर्चा एवं तारीफ हुई।
उप चुनाव के बाद जारी हुआ था नोटिस
विधानसभा उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राहुल लोधी की पराजय के बाद जयंत मलैया को नोटिस जारी किए गया था। उनके बेटे सिद्धार्थ सहित चार को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। कांग्रेस से तोड़कर लाए गए राहुल ने इनके खिलाफ भितरघात की शिकायत पार्टी नेतृत्व से की थी। उप चुनाव में राहुल को कांग्रेस के अजय टंडन के मुकाबले पराजय का सामना करना पड़ा था। बाद में सिद्धार्थ ने पार्टी छोड़ दी थी। पंचायत एवं निकाय चुनाव में उन्होंने अपने कुछ प्रत्याशी भी मैदान में उतारे थे। नतीजे में भाजपा को खासा नुकसान उठाना पड़ा था।
विधानसभा चुनाव में था हार का खतरा
जयंत मलैया भाजपा के ऐसे नेता हैं, जिनका असर दमोह जिले के साथ आसपास के इलाकों तक है। पार्टी को लग रहा था कि यदि मलैया नाराज रहे तो 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा जिले की अधिकांश विधानसभा सीटें हार सकती है। मंत्री रहते उन्होंने जिले की लगभग हर सीट में काम किया है। बेटा सिद्धार्थ मलैया भाजपा द्वारा की गई कार्रवाई के बाद ज्यादा सक्रिय है। संभवत: इन परिस्थितियों को ध्यान में रखकर भाजपा नेतृत्व ने मलैया के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में जाने का निर्णय लिया। सभी नेता पहुंचे और मलैया की नाराजगी दूर करने की कोशिश की।
सिद्धार्थ को मिल सकता है टिकट
कांग्रेस से तोड़कर लाए गए तत्कालीन विधायक राहुल लोधी विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं। इनाम के तौर पर उन्हें एक निगम का अध्यक्ष बनाकर मंत्री दर्जा दिया जा चुका है। 2023 के चुनाव में उनका टिकट खतरे में है। भाजपा जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ को पार्टी में लेकर दमोह विधानसभा सीट से मैदान में उतार सकती है। इसका फायदा भाजपा को दमोह जिले की हर सीट में मिल सकता है।
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