BMHRC: 65 साल की बुजुर्ग महिला की हार्टबीट दो सेकेंड में चल रही थी 200 से भी तेज

भोपाल। राजधानी के बीएमएचआरसी में शुक्रवार को हार्ट की जटिल सर्जरी की गई। 65 साल की बुजुर्ग महिला हार्ट की गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। महिला की हार्टबीट यानि हृदय गति दो सेकेंड में सामान्य (65 प्रति मिनट) से बढ़कर 200 से भी तेज हो रही थी। अस्पताल में डॉक्टरों ने दिल में बैटरी चलित डिवाइस लगाकर महिला की जान बचाई गई। जानकारी के मुताबिक महिला वेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया (वीटी) नाम की बीमारी से जूझ रही थी।
इसमें हार्ट बीट कुछ सेकेंड में सामान्य से दो गुना से भी तेज हो जाती है। परेशानी बढ़ने पर महिला को बीएमएचआरसी में कार्डियोलॉजी विभाग में दिखाया गया। यहां असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ आशीष शंखधर ने जांच के बाद महिला को धड़कन नियंत्रित करने की दवाएं दीं। हालांकि इससे महिला को ज्यादा फायदा नहीं हुआ और कुछ दिन बाद फिर धड़कने तेज होने लगीं। ऐसे में डॉक्टर ने महिला के दिल की सर्जरी कर विशेष डिवाइस लगाने का निर्णय लिया।
इलेकि्ट्रक डिवाइस से नियंत्रित होगी धड़कन
बीएमएचआरसी से मिली जानकारी के मुताबिक महिला की कोकार्डियोग्राफी जांच की गई। पता चला कि हार्ट में खून का थक्का जमा हुआ है और हार्ट की पंपिंग क्षमता सिर्फ 20 प्रतिशत रह गई है। ऐसे में उनके हार्ट के बाएं हिस्से यानि वेंट्रीकल्स (निलय) में विशेष डिवाइस कार्डियोवर्टर डिफ्राइब्रिलेटर्स (आईसीडी) लगाया गया। इस डिवाइस को तार के माध्यम से वेंट्रीकल्स से जोड़ा जाता है। इसका मुख्य हिस्सा बाहर सीने पर चिपका रहता है। जब भी हार्टबीट की रफ्तार बढ़ती है, तो यह डिवाइस उसे नियंत्रित कर देती है। जरूरत पड़ने पर आईसीडी डिवाइस इलेक्ट्रिक शॉक यानि बिजली का झटका देकर हार्टबीट को सामान्य रफ्तार पर ले आता है। डॉक्टरों के मुताबिक महिला की स्थिति सामान्य है और उसे दो दिन में डिस्चार्ज किया जाएगा।
क्या हैं लक्षण ?
वीटी का दौरा आने पर हृदय तेजी से धड़कता है तो यह शरीर को पर्याप्त रक्त नहीं पहुंचा पाता। इससे बाकी अंगों को पर्याप्त आॅक्सिजन नहीं मिल पाती, जिससे मरीज में निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते हैं।
1. छाती में दर्द, 2. बेहोशी, 3.सांस लेने में तकलीफ, 4. दिल की धड़कन तेज चलना।
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