31 किसानों को मिली पट्टे की जमीनों पर कब्जा कर बिल्डरों ने हड़पी

31 किसानों को मिली पट्टे की जमीनों पर कब्जा कर बिल्डरों ने हड़पी
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थुआखेड़ा पंचायत कालापानी कोलार रोड में 31 किसानों की जमीन पर फर्जी दस्तावेजों से बिल्डरों ने अपने नाम करा ली है। यहां पर गरीब किसानों को 1975 में पांच-पांच एकड़ जमीन के पट्टे दिए गए थे। बिल्डरों ने अफसरों से सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर कर इन जमीनों को अपने नाम करा लिया है। वर्तमान में इन जमीनों पर किसानों के कब्जे होने के साथ दो सौ से अधिक मकान भी बने हैं, बावजूद इसके उन्हें कब्जा छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मंगलवार को कलेक्टोरेट की जनसुनवाई में पहुंचे किसानों ने डिप्टी कलेक्टर अंकिता त्रिपाठी को अपना दुखड़ा सुनाया। मामले की जांच कोलार एसडीएम क्षितिज शर्मा को सौंपी गई है।

- किसानों से कब्जा लेने धमका रहे बिल्डर, जनसुनवाई में दर्ज कराई शिकायत

भोपाल। थुआखेड़ा पंचायत कालापानी कोलार रोड में 31 किसानों की जमीन पर फर्जी दस्तावेजों से बिल्डरों ने अपने नाम करा ली है। यहां पर गरीब किसानों को 1975 में पांच-पांच एकड़ जमीन के पट्टे दिए गए थे। बिल्डरों ने अफसरों से सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर कर इन जमीनों को अपने नाम करा लिया है। वर्तमान में इन जमीनों पर किसानों के कब्जे होने के साथ दो सौ से अधिक मकान भी बने हैं, बावजूद इसके उन्हें कब्जा छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मंगलवार को कलेक्टोरेट की जनसुनवाई में पहुंचे किसानों ने डिप्टी कलेक्टर अंकिता त्रिपाठी को अपना दुखड़ा सुनाया। मामले की जांच कोलार एसडीएम क्षितिज शर्मा को सौंपी गई है।

किसान लखनलाल, विनेर कुमरे, छुट्टू खां, नरेश, घीसी लाल ने बताया कि एक किसान की पांच एकड़ जमीन पर 50 से अधिक मकान बने हैं। पुष्पेंद्र सिंह और अन्य लोगों ने यह जमीन अपने नाम करा ली है। राम अवतार गर्ग की पांच एकड़ जमीन खसरा नंबर-67 पर 150 मकान बन गए हैं। जिसे बनने से नहीं रोका गया है। राजेश कुमारी की पांच एकड़ जमीन पर 13 मकान बने हैं। शेष जमीनों को बिल्डर हंसराज कामदार, एसके द्विवेदी, रामतानी, आराधना शर्मा, अमित रघुवंशी, राम जानकी सहित अन्य लोग ने अपने नाम करा लिया है। किसानों का कहना है कि पट्टे की जमीन को बिना कलेक्टर की परमिशन के दूसरे लोगों के नाम कैसे कर दिया गया, इसकी जांच कराई जानी चाहिए। हालांकि कोलार तहसील से इन मकानों पर कब्जेदारों को नोटिस भी दिए गए हैं। बावजूद इसके अब तक कार्रवाई नहीं की गई है। कोलार में केस की सुनवाई पहले से चल रही है।

- रेलवे से रिटायर पति नहीं दे रहा गुजारा भत्ता

ंअफसाना बी पत्नी अब्दुल सईद निवासी खतीजा मस्जिद के पास करोंद ने शिकायत दर्ज कराई है कि 40 साल पहले उनकी शादी हुई थी। मेरे पति रेलवे में सर्विस करते थे। जहां से वह रिटायर हो गए हैं। वर्तमान में वह अब मायके दमोह में वर्ष-1990 से रह रही हैं। दमोह में कुटुम्ब न्यायालय ने भरण पोषण के लिए दो हजार रुपए महीने का आदेश दिया था। मेरे बच्चे भी नहीं हैं। भरण पोषण नहीं देने की वजह से मुझे गुजर बसर करने में दिक्कत हो रही है। महिला ने मांग की है कि पति की पेंशन में से मुझे आधी पेंशन दी जानी चाहिए।

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