सीबीआई ने थ्री ईएमई के तीन इंजीनियरों को रिश्वत के मामले मेंं किया गिरफ्तार- मिलिट्री के इंजीनियरों को 7 नवंबर तक रिमांड पर भेजा, जान कैनेडी के तमिलनाडू, कोयंबटूर और रामनाथपुरम में भी सीबीआई की रेड

भोपाल - सीबीआई ने थ्री ईएमई के तीन इंजीनियरों को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। स्पेशल कोर्ट में पेश करने के बाद 7 नवंबर तक रिमांड पर भेज दिया गया है। इसके साथ ही इंजीनियर जान केनेडी के तमिलनाडू, कोयंबटूर और रामनाथपुरम में भी सीबीआई ने छापेमारी की है। टेंडर वैल्यू का तीन प्रतिशत इंजीनियरों ने ठेकेदार से मांगा था। ठेकेदार ने रिश्वत देने से पहले सीबीआई को भी जानकारी दी। जिसके बाद 1 लाख 10 हजार रुपए की रिश्वत के साथ सीबीआई ने इंजीनियरों को ट्रैप किया। फिर सीबीआई ने दफ्तर में अलमारी में रखे 5 लाख 47 हजार रुपए भी बरामद किए हैं। सीबीआई का कहना है कि यह रकम भी रिश्वत की ही हो सकती है।
इसके अलावा इंजीनियरों के आफिस और घरों की तलाश भी ली गई है। हालांकि घर से कुछ भी नहीं मिला है लेकिन कई दस्तावेजों को जब्त किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि टेंडर से जुड़े हुए दस्तावेज है। इनकी भी जांच की जाएगी। जिस तरह शिकायतकर्ता से टेंडर वैल्यू का रिश्वत के तौर पर 3 प्रतिशत की डिमांड की गई थी। ऐसे ही कई टेंडरों में रिश्वत इंजीनियरों ने लेने की आशंका है। इसके आधार पर दस्तावेजों को जब्त किया गया है। वहीं इंजीनियरों के बैंक अकाउंट और परिवार के लोगों के अकाउंट को भी वैरिफाई किया जा रहा है। फिलहाल रिमांड में पूछताछ के बाद ही अन्य मामलों की जानकारी मिलेगी। टेंडर के बिल की राशि को रिलीज करने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप इंजीनियरों ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि अब मामला सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में चलेगा।
अफसरों को भरोसे में लिया, फिर हुई रेड
- सीबीआई ने ईएमई के उच्च अफसरों को इंजीनियरों के बारे में जानकारी दी। रिश्वत का मामला होने के चलते सीबीआई को रेड करने की अनुमति मिल गई। ठेकेदार ने इंजीनियरों को रिश्वत दी। इसके बाद सीबीआई की टीम ने दबोच लिया। सीबीआई के भी हायर आफिसर रेड के दौरान मौजूद रहे। इंजीनियरों की ट्रैप के दौरान ही तलाशी ली गई और रिश्वत की रकम बरामद हुई।
इनके खिलाफ हुई कार्रवाई
- सीबीआई ने थ्री ईएमई सेंटर के असिस्टेंड इंजीनियर जे जान कैनेडी को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया। असिस्टेंड इंजीनियर राजेंद्र सिंह यादव और जूनियर आफिस एडमिनिस्ट्रेटिव अरुण सिंह को भी आरोपी बनाया गया है। इन सभी तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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