मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में बनेंगी सेंट्रल पैथोलॉजी लैब, पीपीपी मोड में होंगी स्थापित

भोपाल। मध्य प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से सेंट्रल पैथोलॉजी लैब बनाई जाएगी। यह काम पीपीपी मॉडल पर किया जाएगा। इसमें बायोकेमेस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी समेत सभी तरह की जांच एक जगह पर होने लगेंगी। मेडिकल कॉलेजों में अभी जितनी भी जांचें होती हैं, उनके अलावा कुछ नई जांच भी इसमें शामिल की जाएंगी।
आधुनिक मशीनों से होगी जांच
जांचें अत्याधुनिक मशीनों से होंगी, जिससे जांच रिपोर्ट की क्वालिटी भी अच्छी रहेगी। इसके साथ ही मरीजों को एसएमएस, ईमेल और व्हाट्सएप के जरिए भी जांच रिपोर्ट उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके लिए कंपनी द्वारा सॉफ्टवेयर तैयार किया जाएगा। इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा संचालनालय कंपनी के चयन के लिए टेंडर जारी कर दिया है। बता दें कि करीब तीन साल से इसकी कवायद चल रही थी। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में पिछले साल ही व्यवस्था लागू हो चुकी है। यहां भी एक निजी कंपनी को पीपीपी मोड पर लैब संचालन का ठेका दिया गया है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि अभी मेडिकल कॉलेजों में जांच के लिए जो मशीनें उपलब्ध हैं, कंपनी उनका उपयोग करेगी। जरूरत पर अतिरिक्त मशीनें भी लगाएगी। इसके अलावा अभी काम करने वाले सभी कर्मचारी पीपीपी मोड पर संचालित लैब में भी इसी तरह से काम करते रहेंगे।
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