हादसे के बाद बदली तस्वीर: बच्चों को देखने परिजनों के लिए की गई यह व्यवस्था

भोपाल। कमला नेहरू अस्पताल के नवजात शिशु वार्ड में आठ नवंबर को आग लगने के बाद सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव किया गया है। अब वार्ड में नवजात के साथ सिर्फ वहीं व्यक्ति रूकगा जिसके पास पास होगा। वार्ड को शुरू होने के बाद यहां 15 नवजात भर्ती हैं। वार्ड में नए सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। वहीं वार्ड के बाहर डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए है। परिजन बाहर से डिस्प्ले बोर्ड पर 24 घंटे अपने बच्चों को देख सकेंगे। हादसे के बाद नवजातों को दूसरी मंजिल पर पीडियाट्रिक सर्जरी वार्ड में भर्ती किया गया था, लेकिन यहां पर पर्याप्त सुविधाएं नहीं थीं। एक बिस्तर पर दो-तीन नवजातों को भर्ती करना पड़ रहा था। नए वार्ड में भर्ती किए जाने के बाद यह दिक्कत दूर हो गई है।
सिविल विंग करेगी अस्पतालों का मेंटेनेंस
सीपीए से कमला नेहरू अस्पताल के मेंटेनेंस का जिम्मा वापस ले लिया गया है। यह जिम्मेदारी अब पीडब्ल्यूडी को सौंपी गई है। अस्पतालों के प्रबंधन और रखरखाव के लिए अलग से कैडर बनाया जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी चिकित्सा शिक्षा विभाग की सिविल विंग बनाने का भी ऐलान किया है। मेडिकल कॉलेज और उससे जुड़े अस्पतालों में मेंटेनेंस का जिम्मा सिविल विंग पर होगा।
नहीं होगा शार्ट सर्किट, बिजली की डाली डबल लाइन
कमला नेहरू अस्पताल में फायर अलार्म लगाया है जो पहले नहीं था। जरा सा धुआं निकलने पर ही अलार्म बज जाएगा, जिससे आग लगने की घटनाएं रोकने में मदद मिलेगी। सभी वेंटिलेटर नए लगाए हैं। वहीं बिजली की डबल लाइन डाली गई है, जिससे ज्यादा लोड होने पर भी शार्ट सकर्टि की दिक्कत नहीं आए।
डॉ अरविंद राय, डीन, जीएमसी
सुरक्षा में हुए ये बदलाव
- अस्पताल की सुरक्षा पहले 120 गार्ड के जिम्मे थी, अब 300 सुरक्षाकर्मी काम कर रहे है।
- बिना पास के वार्ड में न हीं मिलेगा प्रवेश किसी भी अंजान व्यक्ति को।
- हमीदिया, जीएमसी और कमला नेहरू अस्पताल में पहले थे 120 कर्मी और अब बढ़ कर दिए 150 सुरक्षा कर्मी।
- पहले अस्पताल में काम रहे थे 60 वार्ड बॉय, अब इनकी संख्या से 150 कर दी गई है।
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